​श्रीलंका में भारत​​ ने जताया चीनी जहाज का विरोध

भारत ने श्रीलंकाई बंदरगाह में जहाज के रुकने पर आपत्ति जताई थी। भारत का कहना है कि जासूसी की संभावना है। श्रीलंका ने भारत की आपत्ति के चलते चीन से जहाज के आगमन पर रोक लगाने को कहा था।

​श्रीलंका में भारत​​ ने जताया चीनी जहाज का विरोध

India expressed its opposition to the Chinese ship in Sri Lanka

​चीन का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रिसर्च शिप ‘युआन वांग 5’ मंगलवार को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचा। भारत ने श्रीलंकाई बंदरगाह में जहाज के रुकने पर आपत्ति जताई थी। भारत का कहना है कि जासूसी की संभावना है। श्रीलंका ने भारत की आपत्ति के चलते चीन से जहाज के आगमन पर रोक लगाने को कहा था। हालांकि बाद में श्रीलंका ने शनिवार को जहाज के आने की इजाजत दे दी।

इस जहाज में उन्नत तकनीक उपग्रहों, अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को ट्रैक करने में सक्षम बनाती है। जहाज स्थानीय समयानुसार सुबह 8:20 बजे श्रीलंका के दक्षिणी ​स्थित​ ​हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा। वह 22 अगस्त तक इसी बंदरगाह में रहेंगे। जहाज के 11 अगस्त को यहां पहुंचने की उम्मीद थी।​

चीन ने सुरक्षा चिंताओं को व्यक्त करते हुए श्रीलंका पर भारत के अनावश्यक दबाव की आलोचना की थी। उसके बाद श्रीलंका सरकार ने भारत और चीन के साथ उच्च स्तरीय वार्ता की। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ​में ​एक बयान में बताया कि जहाज को दोस्ती, आपसी विश्वास और पर्याप्त बातचीत के जरिए श्रीलंका पहुंचने की मंजूरी दी गई थी।
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में स्पष्ट किया है कि श्रीलंका पड़ोसी देश के साथ सहयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इस चीनी जहाज के ठहरने के दौरान पड़ोसी देश की सुरक्षा को कोई खतरा न हो। श्रीलंका के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने इस शर्त पर जहाज के उच्च तकनीक वाले उपकरणों के उपयोग के लिए नो एक्शन लेटर जारी किया है कि यह सुरक्षा नियमों का उल्लंघन या हस्तक्षेप नहीं करता है।
 
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