अमेरिका के कैलिफोर्निया में 73 वर्षीय भारतीय मूल की महिला हरजीत कौर की अचानक हिरासत ने स्थानीय समुदाय और परिवार में गहरी चिंता पैदा कर दी है। कौर को यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने 8 सितंबर को सैन फ्रांसिस्को में एक रूटीन चेक-इन के दौरान हिरासत में लिया। अगले ही दिन उन्हें मेसा वेर्डे ICE प्रोसेसिंग सेंटर (बेकर्सफील्ड) भेज दिया गया।
हरजीत कौर, जो 30 से अधिक वर्षों से कैलिफोर्निया के ईस्ट बे क्षेत्र के हरक्यूलिस शहर में रह रही हैं, का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। परिवार के मुताबिक, वह पिछले 13 वर्षों से नियमित रूप से हर छह महीने में ICE को रिपोर्ट करती रही हैं। 1992 में भारत से एक सिंगल मदर के रूप में अमेरिका आईं कौर का शरण आवेदन 2012 में खारिज कर दिया गया था, जिसके बाद से वह ICE की निगरानी में रह रही थीं।
उनकी गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शनों की लहर उठी। बीते शुक्रवार को लगभग 200 लोग एल सोब्रांते में इकट्ठा हुए और “Hands Off Our Grandma” तथा “Bring Grandma Home” जैसे प्लेकार्ड लेकर नारे लगाए। इस विरोध का नेतृत्व उनके परिवार, सिख सेंटर और स्थानीय संगठन इंडीविसिबल वेस्ट कॉण्ट्रा कोस्टा ने किया।
उनकी पोती सुखदीप कौर ने प्रदर्शन में कहा,“वह कोई अपराधी नहीं हैं। और वह सिर्फ मेरी दादी नहीं, बल्कि सबकी दादी हैं। उन्हें सब लोग एक मां की तरह देखते हैं। वह स्वतंत्र, निस्वार्थ और मेहनती हैं।”
स्थानीय नेताओं का समर्थन
कैलिफोर्निया के स्टेट सीनेटर जेसी अर्रेगुइन ने सोशल मीडिया पर लिखा—“ICE द्वारा गिरफ्तार किए गए 70% से अधिक लोगों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। अब वे शांतिप्रिय दादियों को भी निशाना बना रहे हैं। यह शर्मनाक है और हमारे समुदाय को नुकसान पहुंचा रहा है। मैं हरजीत कौर की रिहाई की मांग करता हूं।”
Over 70% of people arrested by ICE have no criminal conviction. Now, they are literally going after peaceful grandmothers. This shameful act is harming our communities. I demand the release of Harjit Kaur. https://t.co/jGS9FiJbJI
— State Senator Jesse Arreguín (@JesseArreguin) September 13, 2025
कांग्रेस सदस्य जॉन गरामेंडी के कार्यालय ने भी ICE को औपचारिक पूछताछ भेजी है। गरामेंडी ने इसे “गलत प्राथमिकताओं” का उदाहरण बताते हुए कहा,“ट्रंप प्रशासन ने वादा किया था कि केवल खतरनाक अपराधियों पर कार्रवाई होगी, लेकिन अब एक 73 वर्षीय महिला, जिनका कोई अपराध रिकॉर्ड नहीं है और जो समुदाय में सम्मानित हैं, को निशाना बनाना प्रशासन की नाकामी है।”
हरक्यूलिस सिटी काउंसिल सदस्य दिली भट्टराई ने भी कहा,“वह समुदाय को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रही हैं। वह हमारी तरह एक सामान्य और ईमानदार नागरिक हैं।”
परिवार का कहना है कि हरजीत कौर कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं,जैसे थायरॉयड, घुटनों का दर्द, माइग्रेन और चिंता। हिरासत में उन्हें जरूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं। उनके परिजनों ने बताया,“जब हमें उनकी कॉल मिली तो वह रो रही थीं और मदद की गुहार लगा रही थीं।”
हरजीत कौर ने दो दशक से अधिक समय तक बर्कले के एक पारिवारिक दर्जी की दुकान में काम किया। उनकी बहू मंजित कौर ने कहा,“उन्होंने हमेशा नियमों का पालन किया है। ICE खुद पिछले 13 सालों से उनके लिए ट्रैवल डॉक्यूमेंट हासिल करने की कोशिश कर रहा है। अगर वे नहीं कर पाए, तो हमसे कैसे उम्मीद की जा सकती है?”
समुदाय और स्थानीय नेताओं का मानना है कि यह गिरफ्तारी न केवल अमानवीय है बल्कि आप्रवासन नीति की विफलता को भी उजागर करती है। अब परिवार और समर्थक संगठन उनकी रिहाई के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं, ताकि यह सम्मानित बुजुर्ग महिला जल्द से जल्द अपने घर लौट सके।
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