शुक्रवार (29 नवंबर) को उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद-मंदिर विवाद सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई है। कोर्ट ने निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा कि 8 जनवरी से पहले इस मामले में निचली अदालत कोई करवाई न करें।सुप्रीम कोर्ट ने चंदौसी जिला न्यायलय को आदेश दिया कि जब तक संभल मस्जिद की शाही ईदगाह कमेटी हाईकोर्ट नहीं जाती, तब तक मामले को आगे न बढ़ाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इस मामले पर जब तक हाईकोर्ट आदेश नहीं देता तब तक निचली अदालत की सुनवाई पर रोक रहेगी। मस्जिद कमिटी ने सर्वोच्च न्यायालय में जिला न्यायलय द्वारा सर्वे के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा, “क्या 227 के तहत हाई कोर्ट जाना उचित नहीं है? बेहतर होगा कि हम इसे यहीं लंबित रखें. आप अपनी दलीलें उचित पीठ के सामने दायर करें।”
मस्जिद कमिटी का दावा था की प्लेसेज ऑफ़ वरशिप एक्ट के अनुसार जो मस्जिदे जहां थी उन्हें वहीं रखा जाना चाहिए, इस पर कोर्ट ने कहा प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट पर अलग से सुनवाई चल रही है, इस मामले को वहीं रखा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन से पीस कमेटी का गठन करने कहा है, जिससे सभी पक्षों में सद्भाव रहे। CJI ने जिला प्रशासन को कहा कि आपसी सौहार्द्र बना रहे। इस बात का ध्यान रखे कि पीस कमिटी की मीटिंग कराए। 6 जनवरी से शुरू होने वाले हफ्ते मे सुप्रीम कोर्ट मामले की फिर से सुनवाई करेगा।
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बता दें की,चंदौसी कोर्ट के आदेश के बाद पुरातत्व विभाग की एक टीम सर्वे के लिए 24नवंबर को भी शाही मस्जिद का दौरा किया था। हालांकि, इस दौरान कहा जाता है कि मुस्लिम भीड़ ने विरोध किया, और फिर पुलिस और स्थानीय मुसलमानों में झड़प हुई, जिसमें 4 मुस्लिम युवकों की जाने गई।