हिजबुल्ला के पेजर फटे, हजारों लड़ाके हुए घायल, जानिए पूरी खबर!

हिजबुल्ला अपने लड़कों को इजरायली सुरक्षा दल (IDF) और इजरायल की यहूदी जनता के खिलाफ जंग में उतारने की तैयारी कर रहा था। इसकी भनक लगते ही मोसाद ने IDF के साथ संयुक्त अभियान...

हिजबुल्ला के पेजर फटे, हजारों लड़ाके हुए घायल, जानिए पूरी खबर!

Hezbollah's pagers explode, thousands of fighters injured, know the full news!

इस्रायल-हमास का युद्ध अपनी आखरी सांसे ले रहा था, जब लेबनान के मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन हिजबुल्ला ने इस्रायल पर मिसाइल हमले किए। ईरान में हमास लीडर और गाजा में हमास के कमांडर सहित 7 अक्तूबर के हमले के दोषियों को मौत के घाट उतारने के बाद बौखलाए ईरान ने हिजबुल्ला के जरिए इन मिसाइल हमलों को अंजाम दिया था। इन हमलों के बीच इस्रायल के आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम ने अच्छा काम दिखते हुए बहुसंख्य इस्रायल की जान बचायी थी लेकीन इस हमले में 12 इस्रायली नागरिकों की मौत हुई।

अपने नागरिकों के साथ अन्याय करने वाले से बदला लेने की लिए मशहूर इस्रायल ने हिजबुल्ला को अपने मिसाइल और एयर अटैक से भीषण क्षति पहुंचाई। पिछले एक सप्ताह से इजरायली सुरक्षा दल (IDF)आतंकी संगठन हिजबुल्ला को हवाई हमलों से मार रहा था। दरम्यान हिजबुल्ला अपने लड़कों को इजरायली सुरक्षा दल (IDF) और इजरायल की यहूदी जनता के खिलाफ जंग में उतारने की तैयारी कर रहा था। इसकी भनक लगते ही मोसाद ने IDF के साथ संयुक्त अभियान कर मंगलवार (17 सितंबर) को लेबनान में पेजर ब्लास्ट को अंजाम देने की बात की जारही है।

दरसल लेबनान के कई शहरों में 17 सितंबर को अचानक, घरों, सड़कों, दुकान, बाजारों में बड़े पैमाने पर पेजर में ब्लास्ट होने शुरू हो गए। किसी की जेब में तो किसी के हाथ में ही पेजर फटे। 1 घंटे तक लेबनान से लेकर सीरिया तक यह सीरियल ब्लास्ट होते रहे। इस घटना में अब तक 11 लोगों की मौत की खबर है। वहीं, बड़ी संख्या में लोग जख्मी है।

क्या होते है पेजर?: आप को बता दें, हिजबुल्ला जैसे आतंकी संगठन कम्मुनिकेश के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पेजर जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते है। एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जिसके जरिए बेहद छोटे संदेश रिसीव और सेंड किए जा सकते हैं, ये रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं। जब कोई मेसेज आता है तो पेजर बीप करता है इसीलिए इसे ‘बीपर’ भी कहा जाता था। यह डिवाइसेस 90 के दशक में काफी मैसजिंग के लिए काफी प्रसिद्ध थे। लेकिन दुरभाष की तकनीक में दुनिया की नै उपलब्धियों के बाद इसे चलन से बाहर किया गया था। लेकिन अभी भी स्वास्थ्य निगडित सेवाओं में देश विदेश के अस्पताल पेजर का इस्तेमाल करते है।

लेबनान में पेजर्स: लेबनान ने अपने आतंकी संघटन हिजबुल्ला के कम्युनिकेशन डिवाइसेस में इजरायली ख़ुफ़िया एजेंसियों द्वारा छेड़खानी के डर से कुछ ही समय पहले ताईवान से करीब 5000 पेजर मंगवाए थे। ताइवान की गोल्ड अपोलो के अनुसार इसे यूरोपियन कंपनी बीएसी ने हिजबुल्ला के ऑर्डर पर तैयार किया था। रॉयटर्स मीडिया ने बताया है की, नष्ट किए गए पेजर की छवियों में पीछे की ओर एक प्रारूप और स्टिकर दिख रहें है जो गोल्ड अपोलो द्वारा बनाए गए पेजर जैसे है। हालांकि गोल्ड अपोलो ने कहा है कि इन पेजर्स को बीएसी ने बनाया था। वहीं लेबनान ने इजरायल पर आरोप लगाया है की कुछ महीनों पहले इजरायल ने ही इन पेजर्स में विस्फोटक लगाए थे। रिपोर्टस के मुताबिक पेजर्स को हैकर कर सीरियल ब्लास्ट किया गया था।

कैसे हुए पेजर हमला?: मंगलवार (17 सितंबर) को दोपहर 3 बजे हिजबुल्ला के लड़ाकों और अन्य पेजर यूजर्स के पेजर मेसेज आने से बीप करने लगे और देखते ही देखते इन पेजर में धमाके हुए। लेबनान में लगभग एक घंटे तक सीरियल ब्लास्ट का यह सिलसिला चला। जिसमें करीब 4000 लोग घायल होने और 11 की मौत की खबर आयी है। जांच के बाद पता चला की, इनमें बैटरी के बगल में 30-35 ग्राम वजन के विस्फोटक लगाए गए थे, साथ ही एक छोटा स्विच फिट किया था जिसे रिमोट से चलाया जा सकता था।

पेजर हमलें की दो थियरी सामने आरहीं है: जिसमें एक तरफ हिजबुल्ला का आरोप है की कुछ महीनों पहले इन पेजर्स की बैटरीज के पिछे इजरायल ने विस्फोटक लगाए थे। तो दूसरी थियरी है की मोसाद ने इन पेजर्स को भारी संख्या में मेसज भेजकर ओवरलोड किया जिससे यह पेजर्स फट गए। असल में पेजर में धमाकों के जरिए लेबनान और सीरिया में हिजबुल्ला ऑपरेटिव्स को टारगेट किया गया था। वहीं इजरायल ने इन आरोपों को लेकर चुप्पी साध रखी है। आशंका जताई जा रही है कि इन धमाकों के लिए किसी तरह का स्पाइवेयर इस्तेमाल किया गया था, जिसके जरिए बड़ी संख्या में लेबनान में कम्युनिकेशन डिवाइस को हैक किया गया और फिर उसमें विस्फोट कराया गया।

बता दें हमले घायल में लेबनान के लोगों में ईरान के राजदूत मोजीतबा अमानी भी शामिल हैं। हमले के बाद लोग हिजबुल्लाह ने अपने लड़ाकों को तमाम कम्युनिकेशन डिवाइस फेंकने के लिए कहा है। यह इजरायली ख़ुफ़िया एजेंसी और इजरायल हिजबुल्ला युद्ध के दरम्यान का सबसे चौकाने वाला हमला है।

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