कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा हिजाब पर लगाए गए बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (SC)ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में लगातार कोर्ट ने दस दिन तक सुनवाई चली।इस केस की दो जजों की बेंच ने सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई, जिसमें पीएफआई का भी जिक्र सामने आया।
हालांकि, पीएफआई के जिक्र पर छात्राओं के वकील ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि इस मामले में संस्था लाने का मतलब मुद्दे को भटकाना है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है। वहीं, कर्नाटक सरकार के वकीलों ने कहा कि एक मामला धर्म के एंगल से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह शैक्षणिक संस्थान से जुड़ा ड्रेस कोड का मामला है। जो अनुशासन से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हिजाब धर्म से जुड़ा है या नहीं इसका स्कूल ड्रेस से कुछ भी लेना देना नहीं है।
हालांकि दस दिन चले इस सुनवाई में दोनों पक्षों अपनी अपनी दलीलें पेश की.इस दौरान दोनों पक्षों द्वारा अजीबो गरीब दलीलें सुनने को मिली। जिसमें कर्नाटक सरकार के वकील ने कहा कि अगर धर्म के आधार पर ड्रेस कोड को अनुमति दी जाती है कल कोई नागा साधु भी किसी स्कूल में एडमिशन लेकर नंगा आने की मांग करेगा।
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