नई दिल्ली। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा हिंदी दिवस पर विज्ञान भवन में समारोह एवं पुरस्कार वितरण के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर होना सिर्फ देश के अंदर प्रॉडक्ट्स का निर्माण करना भर नहीं है, हमें भाषाओं के साथ भी आत्मनिर्भर होना होगा। अगर प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी में बोल सकते हैं, तो हमें किस बात पर शर्म आती है?
कार्यक्रम में गृहमंत्री ने कहा-किसी भी भारतीय भाषा का एक दूसरे से स्पर्धा नहीं है। सभी भारतीय भाषाएं एक दूसरे की पूरक है, एक-दूसरे को बल देती है। इसलिए हिंदी और देवनागरी को स्वीकार करने के साथ ही हमने सभी भाषाओं को स्वीकार करने का निर्णय लिया। गृहमंत्री ने कहा-हिंदी दिवस के अवसर पर मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि मूल कार्यों में अपनी मातृभाषा के साथ राजभाषा हिंदी का उत्तरोत्तर प्रयोग करने का संकल्प लें। मातृभाषा व राजभाषा के समन्वय में ही भारत की प्रगति समाहित है। भाषा मनोभाव व्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है।
हिंदी हमारी सांस्कृतिक चेतना व राष्ट्रीय एकता का मूल आधार होने के साथ-साथ प्राचीन सभ्यता व आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है। मोदी जी के नेतृत्व में हम हिंदी व सभी भारतीय भाषाओं के समांतर विकास के लिए निरंतर कटिबद्ध है। इस आयोजन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजभाषा कीर्ति पुरस्कार तथा राजभाषा गौरव पुरस्कार वितरित किया। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल इस कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका था, इसलिए इस वर्ष होने वाले समारोह में वर्ष 2018-19, 19-20 तथा 2020-21 के दौरान राजभाषा हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मंत्रालयों, विभागों, उपक्रमों आदि को तथा राजभाषा हिंदी में उत्कृष्ट लेख और पत्रिकाएं निकालने वाले संस्थानों को पुरस्कार दिए गए।
'हिंदी दिवस समारोह-२०२१’ के अवसर पर मेरा संबोधन। https://t.co/v9arN9CosW
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2021