संभल जिले की शाही जामा मस्जिद के ढांचे को लेकर दायर याचिका पर आज (8 अप्रैल) इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। यह मामला मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा उस आदेश के खिलाफ दायर सिविल रिवीजन याचिका से जुड़ा है, जिसमें मस्जिद परिसर का सर्वे कराने के निर्देश दिए गए थे।
मस्जिद कमेटी का कहना है कि यह सर्वे उनके धार्मिक अधिकारों में सीधा हस्तक्षेप है। इसी आधार पर उन्होंने कोर्ट से इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने पहले ही इस मामले में अंतरिम राहत देते हुए सर्वे आदेश पर रोक लगा दी थी, जिससे मस्जिद प्रबंधन को अस्थायी राहत मिली थी।
आज की सुनवाई हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल करेंगे। कोर्ट यह तय करेगा कि मस्जिद प्रबंधन की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं और अगर हां, तो आगे की प्रक्रिया क्या होगी।
इस मामले की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंची है, जहां सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस विवाद को लेकर अहम दिशा-निर्देश दे चुका है। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट की आज की सुनवाई से यह स्पष्ट होने की उम्मीद है कि मस्जिद परिसर में सर्वे और रंगाई-पुताई की कार्यवाही पर क्या असर पड़ेगा।
इससे पहले हाईकोर्ट ने मस्जिद के रखरखाव को लेकर रंगाई-पुताई का भी आदेश दिया था, जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने इस पर कार्य शुरू किया, लेकिन विवाद ने फिर से जोर पकड़ लिया।
आज की सुनवाई न केवल कानूनी दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह यह भी तय करेगी कि धार्मिक स्थलों से जुड़े मामलों में प्रशासनिक निर्देशों और धार्मिक अधिकारों के बीच संतुलन किस तरह से सुनिश्चित किया जाएगा।
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