पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को भारत को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध सुधारना चाहते थे, लेकिन कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करना इसमें ‘बाधक’ बन गया। खान ने यह बात यहां जमां पार्क स्थित अपने आवास पर विदेशी पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान कही। इमरान ने यह भी कहा कि तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का भारत के साथ बेहतर संबंध रखने को लेकर और भी अधिक झुकाव था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष खान ने कहा मैं अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहते थे लेकिन आरएसएस की विचारधारा और 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करना इसमें बड़ा रोड़ा बन गया।
खान का कहना हैं कि भारत पहले अपने फैसले को पलटे और शांति वार्ता करे। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) ने खान से पूछा कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत के प्रति विदेश नीति कौन निर्धारित कर रहा था, वह या फिर जनरल बाजवा, इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘‘मैं बॉस था, मैं विदेश नीति निर्धारित कर रहा था। लेकिन जनरल बाजवा भी भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने को लेकर काफी उत्साहित थे।
इमरान खान ने भारत में चुनाव से पहले कहा था कि वह चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी जीतें और कश्मीर मुद्दे को हल करें। मरान खान ने कहा था कि मुझे अभी भी विश्वास है कि दक्षिणपंथी पार्टी का जो नेता एक लंबे संघर्ष को खत्म कर सकता है, वह नरेंद्र मोदी हैं। उन्होंने कहा था कि मैं चाहता था कि वह सत्ता में लौटें। हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध अक्सर कश्मीर मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं. इसे लेकर देशों के बीच संबंधों में गिरावट आई।
यह पूछे जाने पर कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए कौन जिम्मेदार था, अमेरिका या जनरल बाजवा? इस सवाल के जवाब में इमरान खान बोले कि जनरल बाजवा मुख्य रूप से मेरी सरकार को घर भेजने के लिए जिम्मेदार थे। हालांकि इससे पहले इमरान ने अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था, जिसका वाशिंगटन ने खंडन किया था।
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