सरकार ने नई टैक्स प्रणाली के स्लैब्स में बदलाव करते हुए 3 लाख रुपये की आय को कर से मुक्त कर दिया है| वहीं, 7 लाख रुपये तक की आय को रिबेट के दायरे में ला दिया गया है|यानी प्रभावी रूप से 7 लाख तक की आय पर वेतनभोगी नागरिकों को कोई टैक्स नहीं देना होगा|
टैक्स स्लैब्स को 7 की जगह 5 कर दिया है| ये स्लैब्स इस प्रकार हैं- 0-3 लाख तक कोई टैक्स नहीं, 3-6 लाख तक की आय पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख आय पर 10 फीसदी आयकर, 9-12 लाख तक – 15 फीसदी, 12-15 तक 20 फीसदी, 15 लाख से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स. रेलवे को 2.4 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया है| करीब 10 सालों में ये सर्वाधिक एलोकेशन है| यह पिछले साल के बजट से 4 गुना और 2013-14 के बजट से 9 गुना अधिक है|
सरकार लंबी अवधि कैपिटल एक्सपैंडिचर पर 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च करेगी| इसके पीछे सरकार का मकसद कोविड-19 के बाद रुकी विकास दर को एक बार फिर रफ्तार देना है| यह 2023-24 में भारत की जीडीपी का 3.3 फीसदी हिस्सा है| वाण्जियिक विवादों के निपटारे के लिए सरकार एक नई विवाद निपटारा योजना लाएगी|
आधार और डिजीलॉकर के माध्यम से एक ही जगह पर सभी पहचान पत्र को अपडेट करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी| चुनिंदा सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए पैन को एक कॉमन पहचान पत्र के रूप में देखा जाएगा| मौजूदा वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 6.4 फीसदी रहेगा| वहीं, 2023-24 के लिए इसे जीडीपी के 5.9 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा जाएगा|
कृषि क्षेत्र में कर्ज का लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है| पीएम आवास योजना के लिए फंड आवंटन को 66 फीसदी बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है| सरकार ने 7 प्राथमिक क्षेत्रों को चिह्नित किया है जिस पर प्रमुखता से काम किया जाना है| ये हैं सबका साथ, सबका विकास, अंत्योयद, ग्रीन ग्रोथ, यूथ, फाइनेंशियल सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इनवेस्टमेंट, सामर्थ्य को बढ़ाना. इन क्षेत्रों पर प्रमुखता से काम किया जाएगा|
सरकार का लक्ष्य 2030 तक 5 मीट्रिक टन हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करना है. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सरकार चाहती है ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा दिया जाए|
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