पीएम मोदी के कारण महाशक्ति के रूप में उभरा भारत

दुनिया में बढ़ रहा, भारत का रुतबा

पीएम मोदी के कारण महाशक्ति के रूप में उभरा भारत

बात यदि भारत की करें तो आज भारत कि स्थिति यह है कि वो अमेरिका से भी हथियार खरीदता है और रसिया से हथियार खरीदता है। रूस से बात करते है और यूक्रेन को सहायता भेजते हैं। भारत का रिश्ता लोगों से शर्तों पर बनता है। यह शर्त भारत को नरेंद्र मोदी ने सिखाया हैं। भारत अब तक दुनिया के लगभग 101 देशों को कोविड का वैक्सीन भेजा चुका हैं। भारत ने अनाज संकट की समस्या से निपटारे के लिए कई देशों को अन्न की सहायता दी। श्रीलंका का इस साल जब बुरा दौर चल रहा था तब भारत ने 24 हजार 880 करोड़ की आर्थिक मदद उन्हें दी थी। जिससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आज दुनिया की बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा है। भारत बाकी देशों की मदद भी कर रहा है। आपको याद होगा 2020 में जब कोरोना महामारी आई तो हर देश के नेता के लिए यह एक बड़ी समस्या और चुनौती थी। क्यूंकी इस महामारी का कोई फॉर्मूला किसी के पास नहीं था। इस महामारी का कोई निदान नहीं था। हर देश के नेता के कार्यप्रणाली पर निर्भर करता था कि वो इतनी बड़ी महामारी से कैसे निपटता हैं। उस समय पीएम नरेंद्र मोदी ने सब से हटकर भारत की स्थिति के आधार पर रणनीति अपनाई। भारत की 140 करोड़ जनता के आधार पर रणनीति बनाई गई। यहाँ पर रहनेवाले लोगों के हिसाब से उनकी जीवनशैली के हिसाब से सुझाव निकालने की तैयारी हुई। 

उस समय विकसित देशों की स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई थी। इस दौर में भारत का नुकसान हुआ जरूर पर यह अन्य देशों के मुकाबले सबसे कम नुकसान था। हालांकि उस समय पीएम मोदी ने मुश्किल काम को भी बड़े शानदार तरीके से किया। इस दौरान भारत में 216 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। जो कि अपने आप में बहुत बड़ा रिकार्ड है। कोविड के अलावा भारत ने अर्थव्यवस्था पर मंहगाई के मोर्चे पर पूरी दुनिया में सबसे शानदार काम किया हैं। कोविड के बाद बड़े बड़े देश अमिर और विकसित देश में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल हो गया था। जिसके बाद अन्य देश में मंहगाई बढ़ गई थी। उदाहरण के लिए आज यूरोप, ब्रिटेन, अमेरिका या चाइना को ही देख लीजिए, ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त वृद्धि देखने मिल रही है। मंहगाई के मामले में भी भारत देश बाकी देशों से बेहतर हैं। क्यूंकी इस देश का लीडर अन्य देशों से अलग सोचता है।  

मोदी जी आज एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहे है इसका एक उत्तम उदाहरण। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून महीने में जर्मनी में जी7 की बैठक में अतिथि के तौर पर आमंत्रित किए गए थे। समिट में पीएम मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बात कर रहे थे। कि तभी पीछे से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आयें और उन्होंने पीएम मोदी के कंधे पर हाथ रख दिया। मोदी ने पीछे मुड़कर देखा तो बाइडन थे। और उसके बाद दोनों नेता उल्लास से मिले। इस मुलाकात का विडिओ कुछ ही घंटों में वायरल हो गया था। लोगों ने इसे भारत के बढ़ते वैश्वीकरण के प्रभाव के तौर पर पेश किया था।  

बात यदि जी7 की करें तो यह पहले जी8 हुआ करता था। लेकिन 2014 में रूस को इस ग्रुप से बाहर कर दिया गया था। लेकिन अब कहा ये जा रहा है कि इस ग्रुप में रूस की जगह भारत ले सकता हैं। जी7 समिट के ठीक 3 महीने बाद उज़्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन यानी एससीओ की बैठक हुई। 16 सितंबर को एससीओ समिट से अलग पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में पीएम मोदी ने पुतिन से कहा, “कि ये दौर युद्ध का नहीं है। ये बात यूक्रेन पर हमले के संदर्भ में कहीं गई थी। पीएम मोदी की इस टिप्पणी को पश्चिमी देशों के नेताओं ने हाथों-हाथ लिया। ऐसा तब जब यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर पश्चिम देश भारत के बर्ताव से खुश नहीं थे।

इसी महीने हुई 77 वें महासभा में भी यूक्रेन और रूस का मुद्दा छाया रहा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने सम्बोधन में पीएम मोदी के भाषण को लेकर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ”भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के सामने बिल्कुल सही बात कही थी। यह वक़्त पश्चिम के ख़िलाफ़ प्रतिशोध और उसका विरोध करने का नहीं है। अर्थात ये दौर युद्ध का नहीं है। फ़्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य हैं। और यूएन की आम सभा में राष्ट्रपति मैक्रों की ओर से पीएम मोदी की तारीफ करना बहुत बड़ी बात हैं वहीं ब्रिटेन की पीएम लिज़ ट्रस ने भी यूएनजीए (यूनाइटेड नेशंस जनरल असेम्बली) में भारत का नाम लिया और कहा कि ब्रिटेन भारत से अपने संबंध को मज़बूत कर रहा है। फ़्रांस और ब्रिटेन के राष्ट्रध्यक्षों के अलावा जर्मन चांसलर, पुर्तगाल के पीएम, यूक्रेन के राष्ट्रपति, गुयाना के राष्ट्रपति, तुर्की के राष्ट्रपति के साथ ही मेक्सिको और वेनेज़ुएला के प्रतिनिधियों ने भी यूएनजीए में भारत का नाम लिया।  

मेक्सिको के विदेश मंत्री लुइस इब्रार्ड ने तो रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव रखा जिसमें पीएम मोदी, पोप फ्रांसिस और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेश को रखने की सलाह दे डाली। वेनेजुएला ने भी इसका समर्थन किया। दूसरी तरफ रुस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और ब्राजील की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया हैं। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी यूएनजीए को संबोधित करते हुए कहा था कि सुरक्षा परिषद में अमेरिका भारत के स्थायी सदस्यता का समर्थन करता हैं। 24 सितंबर को अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क ऑफ टाइम्स में एक लेख छापा था कि भारत का प्रभाव वैश्विक मंच पर बढ़ रहा हैं। भारत के उभार और मोदी सरकार की उपलब्धि में भारत का दुनिया के पाँचवी बड़ी अर्थ व्यवस्था बनना इस बात को बड़े ही प्रमुखता से बताया जा रहा है। भारत, जापान, अमेरिका और इंडोनेशिया में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत रहे जॉन मैकार्थी ने 21 सितंबर को फ़ाइनैंशियल रिव्यू में लिखा कि मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है।  

भारत को अगले साल अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियाँ मिलने जा रही हैं। जी20 की अध्यक्षता के साथ-साथ एससीओ की अध्यक्षता भी भारत को मिल गई है। भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता एक महीने के लिए मिलने जा रही है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को लेकर रविवार को एक बयान भी दिया,उन्होंने कहा कि हमारी राय अब मायने रखती है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पिछले छह सालों में हमारी यह बड़ी उपलब्धि है, ऐसा पीएम मोदी के कारण हुआ है।  

1 अक्टूबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान से देश को 5G सेवा की सौगात दी है। पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान ही देश के 130 करोड़ भारतवासियों को 5G के तौर पर एक शानदार उपहार मिला। भारत आज इतना ताकतवर देश है कि मोबाइल फोन उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर-2 पर है। आज भारत दूसरे देशों को मोबाइल बेच रहा हैं। वहीं साल 2014 में 6 करोड़ ब्रॉडबैंड थे, जो अब बढ़कर 80 करोड़ हो गए हैं। इसके अलावा इंटरनेट कनेक्शन 25 करोड़ थे जो अब बढ़कर 85 करोड़ हो चुके हैं। इन सभी उपलब्धियों को देख कर कहा जा सकता है कि नरेंद्र मोदी जैसी शक्तिशाली लीडर के छत्रछाया में भारत देश का विकास तेजी से हुआ। वहीं सर्वाधिक लोकप्रिय नेताओं के एक सर्वे में नरेंद्र मोदी शीर्ष स्थान पर काबिज हैं। आज दुनिया भारत को एक वैश्विक शक्ति और मोदी को विश्व नेता के रूप में मानने लगी है।  

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