अफगानिस्तान–पाकिस्तान सीमा पर हालिया झड़पों और हवाई हमलों के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र मंच पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। गुरुवार (11 दिसंबर) को UN Security Council (UNSC) की बैठक में भारत ने पाकिस्तान के हवाई हमलों की निंदा की, जिनमें अफगान नागरिकों विशेषकर महिलाओं, बच्चों और स्थानीय क्रिकेट खिलाड़ियों की मौत हुई। भारत ने कहा कि ये हमले क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन करते हैं।
UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के व्यापार एवं पारगमन मार्गों को बार-बार बंद करता है, यह एक ट्रेड ट्रांजिट टेररिज्म है। हरीश ने चेतावनी देते हुए कहा, “ये कदम WTO नियमों के उल्लंघन हैं और एक नाज़ुक, ज़मींदोज़ राष्ट्र के प्रति खुले खतरे और युद्ध की कार्रवाई (acts of war) के समान हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत न केवल ऐसी हिंसक कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करता है, बल्कि अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का दृढ़ समर्थन भी करता है। हरीश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह UN चार्टर और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन सुनिश्चित करे और संघर्ष के बीच फँसे नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता दे।
अफगानिस्तान–पाकिस्तान सीमा पर एक बार फिर झड़पें शुरू हो गई हैं, जबकि दोनों देशों ने लगभग दो महीने पहले संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर संघर्ष विराम तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। संघर्ष की शुरुआत अक्तूबर की शुरुआत में हुई थी, जब पाकिस्तान ने काबुल पर हवाई हमला किया। उस समय अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर थे। हमले के जवाब में अफगान बलों ने भी कार्रवाई की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
Statement by PR @AmbHarishP at the @UN Security Council briefing on the UN Assistance Mission in Afghanistan today.
Full statement – https://t.co/1FtcPigZbR @MEAIndia @IndianDiplomacy pic.twitter.com/pfgiST90HL
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) December 10, 2025
तालिबान प्रशासन के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि इस बार हमला पाकिस्तान की ओर से शुरू हुआ था और “काबुल को मजबूरन प्रतिक्रिया देनी पड़ी।” यह झड़पें 2021 में तालिबान शासन की वापसी के बाद सबसे गंभीर सीमा संघर्ष मानी जा रही हैं। 19 अक्टूबर को क़तर और तुर्की की मध्यस्थता से एक अस्थायी संघर्ष विराम कराया गया था, लेकिन तनाव जारी है।
भारतीय राजदूत हरीश ने UNSC में कहा कि भारत स्थिति पर करीबी नज़र रखे हुए है और वैश्विक समुदाय को समन्वित कार्रवाई के लिए आगे आने की आवश्यकता है। उन्होंने चेताया कि ISIL, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और इनके द रेजिस्टेंस फ्रंट जैसे प्रॉक्सी समूह को सीमा पार सक्रिय होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
हरीश ने यह भी कहा कि केवल दंडात्मक उपाय (punitive approaches) कारगर नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, “ज़रूरत इस बात की है कि तालिबान के साथ व्यावहारिक जुड़ाव हो, ऐसी रणनीति हो जो सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करे और अफगान जनता को स्थायी लाभ दे।” भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और UN से आग्रह किया कि वे ऐसी नीतियाँ अपनाएँ जो अफगान लोगों के लिए दीर्घकालिक स्थिरता और विकास सुनिश्चित कर सकें।
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