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टेस्ला और बीएमडब्ल्यू को झटका, लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर भारी टैक्स लगाने की योजना!

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15 अगस्त को लाल क़िले के प्राचीर से बात करते हुए पीएम मोदी ने GST के दरों से लोगों को राहत देने का आश्वासन दिया था। इसी आश्वासन के तहत GST पैनल भारतीयों को अधिकाधिक घरेलू वस्तुओं का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जबकी अधिक लग्जरी उत्पादों को लेकर भारी टॅक्स लगाने की योजना बनाई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक सरकारी दस्तावेज से निकलकर आया है कि कर पैनल ने 46,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली लक्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर उपभोक्ता शुल्क में भारी वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। इस कदम से टेस्ला, मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और बीवाईडी जैसी कार निर्माताओं की बिक्री प्रभावित हो सकती है।

पीएम मोदी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार लाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं और भारतीयों को ज़्यादा घरेलू सामान इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, ठीक ऐसे समय में जब अमेरिका के साथ उच्च शुल्कों के कारण संबंध खराब हो गए हैं। सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में भारी कटौती की सिफ़ारिश की है जिससे शैंपू से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, सब कुछ सस्ता हो सकता है। GST परिषद को कर दरों के बारे में सुझाव देने के लिए गठित प्रमुख पैनल ने प्रधानमंत्री मोदी के सुधारों के अनुरूप कई वस्तुओं पर व्यापक कटौती का समर्थन किया है, लेकिन सिफारिशों का विवरण देने वाले दस्तावेज से पता चलता है इसने इलेक्ट्रिक कारों पर कर बढ़ाने का आह्वान किया है।

पैनल ने 20 लाख से 40 लाख रुपये ($23,000-$46,000) की कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर वर्तमान 5% से बढ़ाकर 18% करने की सिफारिश की है। इसने 46,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर भी कर बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव रखा है, क्योंकि ऐसे वाहन समाज के उच्च वर्ग के लिए होते हैं और इनका निर्माण घरेलू स्तर पर होने के बजाय बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है।

दौरान मोदी सरकार ने  28% कर की दर को पूरी तरह से समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिससे जीएसटी परिषद के पास इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर को बढ़ाकर 18% करने या उन्हें कुछ विलासिता की वस्तुओं के लिए बनाई गई नई नियोजित 40% श्रेणी में रखने का विकल्प रह गया है।

इसी बीच इस साल अप्रैल से जुलाई तक बेची गई कुल कारों में इसका हिस्सा लगभग 5% है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 93% बढ़कर 15,500 इकाई हो गई। इसीलिए यह प्रस्ताव महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसे घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को प्रभावित कर सकता है, हालांकि 20 लाख रुपये से अधिक कीमत की उनकी पेशकश सीमित है। दौरान उच्च-स्तरीय इलेक्ट्रिक वाहन बेचने वाली विदेशी वाहन निर्माता कंपनियों को और ज़्यादा नुकसान होने जा रहा है। टेस्ला ने हाल ही में भारत में अपना मॉडल Y 65,000 डॉलर की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया है, जबकि मर्सिडीज़-बेंज, बीएमडब्ल्यू और बीवाईडी भी उच्च-स्तरीय लग्ज़री इलेक्ट्रिक कारें बेच रही हैं।

टेस्ला ने हाल के महीनों में भारत में दो शोरूम खोले हैं। एलन मस्क ने आयातित कारों पर लगभग 100% के उच्च टैरिफ की आलोचना भी की थी। इन टैरिफ के ऊपर जीएसटी कर लगाया जाता है, जिससे टेस्ला कारों की कीमतें और बढ़ जाती हैं। वहीं लग्जरी कारों भारी जीएसटी के कारण विदेशी कार कंपनियों को झटका लगना तय है। 

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