भारतीय सेना की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाया और 400 लॉजिस्टिक्स ड्रोन्स की डील को रद्द कर दिया है| माना जा रहा है कि यह कंपनी चीन के उपकरणों के प्रयोग से सेना के लिए ड्रोन्स बना रही थीं| सैन्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को ध्यान में रखते हुए सेना का सख्त रुख है कि चीनी तकनीक से बने या उपकरणों से लैस कोई यंत्र सेना स्वीकार नहीं करेगी|
ख़ारिज की गयी डील में कुल 100 हलके लॉजिस्टिक्स ड्रोन, 200 माध्यम ऑल्टीट्यूड ड्रोन और 100 भरी वज़न की क्षमता वाले ड्रोन शामिल हैं जिनकी कुल कीमत करीब 230 करोड़ बताई जा रही है| सेना ने इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट प्रोसीजर के द्वारा चेन्नई की कंपनी से इन्हें लेने का एग्रीमेंट किया था| इन सभी ड्रोन्स को चीन के सीमा, लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तैनात करने के लिए सेना ने यह कदम उठाया था|
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सेना के अधिकारीयों का कहना है कि ऐसे कदम इसलिए उठाये जा रहे हैं ताकि आधुनिक समय में चीन को भारत के विरुद्ध कोई लाभ ना मिल सके| हाल ही में सीमा पर हैकिंग के किस्से भी बढ़ गए हैं जिसकी वजह से सैन्य सुरक्षा और सख्त हो गयी है| ऐसे में सुरक्षा उपकरणों में समझौता करने की गुंजाइश न हो इसलिए सेना और सरकार हर प्रकार से जागरूक है|