सुप्रीम कोर्ट: डीएम को निर्देश, शिवलिंग मिलने की जगह की करे सुरक्षा ?

एसजी तुषार मेहता ने कहा, की जहां शिवलिंग मिला है अगर नमाजी वजू के दौरान उसे पैर से छूते हैं तो कानून व्यवस्था की स्थिति हो जाएगी। लिहाजा उस बताए गए शिवलिंग के चारों ओर उस पूरे क्षेत्रफल की मजबूत सीलबंदी और सुरक्षा की जाए।

सुप्रीम कोर्ट: डीएम को निर्देश, शिवलिंग मिलने की जगह की करे सुरक्षा ?
काशी विश्वनाथ एवं ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का इस समय देश भर चर्चा का केंद्र बना हुआ है| मस्जिद परिसर और अंदर की वीडियोग्राफी से लेकर वाराणसी सत्र न्यायालय के निर्देशों पर भी मुस्लिम पक्ष के पक्षकारों द्वारा कई सवाल उठाये गए | अब दोनों ही पक्ष ज्ञानवापी विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर किये हुए है|
 
वही दूसरी ओर को वाराणसी कोर्ट के वीडियोग्राफी के आदेश के बाद से ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिवलिंग होने का पुख्ता सबूत मिलने से हिंदू पक्ष के पक्षकारों में उत्साह का माहौल और जीत की उम्मीद दिखाई दे रही है| दूसरी ओर मुस्लिम संगठन की ओर से मस्जिद के अंदर से ऐसे किसी भी मूर्ति के होने की पुष्टि नहीं की गयी है| वही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के अंदर मिले शिवलिंग को डीएम को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश जारी किया है|
 
बतादें कि काशी विश्वनाथ एवं ज्ञानवापी का उल्लेख स्कंध पुराणों में भी किया गया है| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले सलमान खुर्शीद की ”सनराइज ओवर अयोध्या- नेशनवुड इन अवर टाइम’ पुस्तक में कई चौकाने वाले तथ्य को उजागर किया गया है| उनकी इस पुस्तक में वाराणसी में गंगा नदी के तट पर, हिंदू धर्म के केंद्र में भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर केवल बड़ा ज्योतिर्लिंग में ही नहीं है बल्कि हिंदुओं द्वारा इसे सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।
 

1124 में मोहम्मद गोरी द्वारा मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। बाद में स्थानीय लोगों ने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। फिर 1194 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने आकर इस मंदिर को फिर से ध्वस्त कर दिया। 1351 में, दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक द्वारा मंदिर को फिर से नष्ट कर दिया गया था। 1669 में, मुगल सम्राट औरंगजेब ने मंदिर को फिर से ध्वस्त कर दिया और ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण का आदेश दिया। सलमान खुर्शीद ने यह भी लिखा है कि इस मंदिर का उल्लेख काशी कांडा में है, जो स्कंद पुराण का एक हिस्सा है।

वही, दूसरी ओर ज्ञानवापी मस्जिद में कोर्ट की निगरानी में वीडियोंग्राफ़ी व सर्वेक्षण करने पहुंची टीम को वीडियोंग्राफी के दरम्यान 12 फिट 8 इंच का एक शिवलिंग मिला है| एसजी तुषार मेहता ने कहा, की जहां शिवलिंग मिला है अगर नमाजी वजू के दौरान उसे पैर से छूते हैं तो कानून व्यवस्था की स्थिति हो जाएगी। लिहाजा उस बताए गए शिवलिंग के चारों ओर उस पूरे क्षेत्रफल की मजबूत सीलबंदी और सुरक्षा की जाए।

सर्वे के आखरी दिन वादी के द्वारा दावा किया गया कि वजू हेतु बना कुण्ड में शिवलिंग है। जिसके बाद अदालत ने उक्त वज़ुखाने को सील कर दिया। जबकि मस्जिद पक्ष का दावा है कि वह फव्वारे का बेस है और जिसको भ्रम फैलाने के लिए शिवलिंग साबित कर रहे है। इस बीच याची के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू महासभा भी पंहुचा है और उसने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर उनके ऊपर जुर्माना लगाने की मांग किया है।
 
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