ईरान ने दावा किया है कि उसने हाल के महीनों में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने वाले 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। न्यायपालिका ने शनिवार (9 अगस्त)को चेतावनी दी कि दोषी पाए जाने वालों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और उन्हें उदाहरण के पेश किया जाएगा, ताकि भविष्य में कोई इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने की हिम्मत न करे।
कुछ दिन पहले ही ईरान ने परमाणु वैज्ञानिक रूज़बेह वादी को फांसी दी थी। राज्य मीडिया के अनुसार, वादी को इजरायल के लिए जासूसी करने और जून में इजरायली हवाई हमलों में मारे गए एक अन्य वैज्ञानिक की जानकारी देने का दोषी पाया गया था। न्यायपालिका के प्रवक्ता असगर जहांगीरी ने बताया कि कुछ गिरफ्तार लोगों पर लगे आरोप हटा दिए गए और उन्हें रिहा कर दिया गया, हालांकि उन्होंने संख्या स्पष्ट नहीं की। उन्होंने जोर देकर कहा कि “पुष्ट जासूसों” के लिए कोई नरमी नहीं होगी और जांच पूरी होने के बाद अंतिम विवरण जारी किए जाएंगे।
इस साल इजरायल के लिए जासूसी के दोष में ईरान में फांसी की सजा के मामले तेजी से बढ़े हैं। हाल के महीनों में कम से कम आठ लोगों को मौत की सजा दी गई है। जून में इजरायल ने ईरान पर 12 दिन तक हवाई हमले किए थे, जिनमें सैन्य नेताओं, परमाणु वैज्ञानिकों, ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया। जवाब में तेहरान ने मिसाइल और ड्रोन हमले किए।
मानवाधिकार संगठन एचआरएएनए (HRANA) के अनुसार, 12 दिनों के इजरायली हमलों में ईरान में 1,190 लोग मारे गए, जिनमें 436 नागरिक और 435 सुरक्षा बलों के सदस्य शामिल थे। वहीं, इजरायल का कहना है कि ईरान के जवाबी हमले में उसके यहां 28 लोगों की मौत हुई।
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