जहां उत्तराखंड के जोशीमठ को लेकर पूरे देश में चर्चा रही। वहीं अब जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में कई घरों में दरारें आ गई हैं। दर्जनों घर भूस्खलन की वजह से गिर गए हैं और लोग बेघर हो गए हैं। भारतीय भूवैज्ञनिक सव्रेक्षण (जीएसआई) की एक टीम जमीन के अचानक धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए मंगलवार को गांव का दौरा करेगी। जमीन धंसने से अब तक 16 परिवार बेघर हो चुके हैं।
उपायुक्त मुसर्रत इस्लाम ने कहा, ‘कुल 16 प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, साथ ही उन्हें टेंट, कंबल और बर्तन मुहैया कराए गए हैं। गांव में जमीन धंसना शुक्रवार को शुरू हुआ और अब तक 16 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से रविवार और सोमवार की दरम्यान रात को दरारें आ गईं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जमीन खिसकनी शुरू हो गई थी, जिससे एक स्थानीय कब्रिस्तान भी चपेट में आया है। जिसके बाद यहां से शवों को खोदकर निकाला गया और बाद में दूसरी जगह दफना दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को कम से कम समय के भीतर निर्धारित मानदंडों के अनुसार राज्य आपदा प्रबंधन कोष से मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रामबन जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर गूल उप-मंडल के दुक्सर दल गांव में भूस्खलन होने से 19 आवासीय घरों, एक मस्जिद और लड़कियों का एक धार्मिक स्कूल क्षतिग्रस्त हो गया। बताया जा रहा है कि ये नई बस्ती गांव में भूमि धंसने के कारण आई दरारें की वजह से हुआ है।
वहीं एसडीएम ने कहा कि गूल और संगलदान को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को बंद कर दिया गया है, क्योंकि इसमें भी दरारें आ गई हैं। सीमा सड़क संगठन से लोगों और रक्षा वाहनों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए वैकल्पिक सड़क को योग्य बनाने का अनुरोध किया गया है। इससे पहले, जीएसआई के विशेषज्ञों सहित कई अन्य टीमों ने भी प्रभावित गांव का निरीक्षण किया ताकि मकानों में दरारों के बढ़ने के कारणों का पता लगाया जा सके।
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