26 C
Mumbai
Monday, December 8, 2025
होमदेश दुनियापंचतत्व में विलीन हुए कल्याण सिंह, बेटे राजवीर सिंह ने दी मुखाग्नि

पंचतत्व में विलीन हुए कल्याण सिंह, बेटे राजवीर सिंह ने दी मुखाग्नि

Google News Follow

Related

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार बुलंदशहर के केनरौरा स्थित बंसी घाट और गांधी घाट के बच्चा पार्क में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके पुत्र राजवीर सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अजय भट, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, उमा भारती समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आहुति दी।

अतरौली के गांव मंढौली से उनका शव वाहन दोपहर को नरौरा के लिए रवाना हुआ था। जहां दोपहर करीब 2.16 बजे उनका शव वाहन व अन्य मंत्रियों, नेताओं का काफिला जनपद की सीमा में जरगवां, रामघाट पर बुलंदशहर प्रशासन ने रिसीव किया। इसके बाद दोपहर करीब तीन बजे शव वाहन बच्चा पार्क में पहुंचा। जहां स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहुंच कर अंतिम संस्कार से पूर्व व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अफसरों को निर्देश देते नजर आए। दोपहर करीब 3.42 बजे बाबू जी को राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई।
इसके बाद कल्याण सिंह के पुत्र एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया ने उन्हें मुखाग्रि दी। इस दौरान वहां मौजूद परिजनों, विभिन्न नेताओं और अन्य लोगों की आंखें भी अपने जननेता को विदाई देते वक्त नम नजर आईं। कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार में जनसैलाब उमड़ा। जनसैलाब को देखते हुए अंतिम संस्कार के लिए घाट पर प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जिन-जिन जगहों से होकर अंतिम यात्रा गुजरी, वहां भी कदम-कदम पर प्रशासन मुस्तैद रहा।
अतरौली पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने पत्रकारों से कहा कि जिस दिन राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था, उसी दिन मेरी बाबूजी (कल्याण सिंह) से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया। बाबू जी का पूरा जीवन यूपी के विकास व गरीबों के लिए समर्पित रहा। देश को बेहतर गति एवं दिशा दी। प्रदेश का विकास किया। उन्होंने अपने कार्यों की गहरी छाप छोड़ी है। बाबूजी के जाने से भाजपा में जो रिक्तता आई है, उसकी लंबे समय तक भरपाई नहीं हो सकती। बाबूजी लंबे समय से सक्रिय राजनीति में नहीं थे। लेकिन उनको उनके उम्र के साथ-साथ युवाओं का भी साथ मिला। वह हमेशा भाजपा के प्रेरणास्त्रोत रहेंगे।

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,709फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें