कटिहार पुलिस ने चम्पारण के इलाके से साइबर फ्रॉड करने वाले ईशा जायसवाल और मुस्ताक आलम को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है की, इस साइबर ठगी में मुश्ताक का एक सहयोगी भी है।
चंपारण जिले में जौकटिया, लाल सरैया और रामनगर बनकट जैसी कुछ पंचायतें जाँच एजेंसियों के रडार पर हैं। इन इलाकों के युवा साइबर अपराध में शामिल होने के लिए कुख्यात हैं। इन इलाकों में ईडी, आईटी और एनआईए ने कई जगहों पर छापेमारी की है। जौकटिया से साइबर ठगी करने वाले कइयों को गिरफ्तार भी कर लिया गया हैं।
कटिहार पुलिस के अनुसार ईशा और मुश्ताक एक साल से अधिक समय से साथ रह रहे थे। इस दौरान मुस्ताक ने ईशा को एटीएम फ्रॉड का एक्सपर्ट बना दिया। जिसके बाद मुश्ताक के साथ मिलकर उसने कई साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया और आखिरकार दोनों ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है|
असल में ईशा जायसवाल मोतिहारी की रहने वाली है। कॉमर्स में ग्रेजुएट होते ही उसकी शादी नेपाल में कर दी गई थी, जिससे उसे एक बच्चा भी है। कुछ साल बाद ईशा पति का घर छोड़कर बच्चे के साथ मायके आ गई। इंस्टाग्राम पर रील्स बनाते हुए वो छठी फेल मुश्ताक के सम्पर्क में आ गई। फिर बच्चे को मायके छोड़ मुश्ताक के साथ दिल्ली, और फिर दिल्ली से पटना चली गई। ईशा एटीएम मशीन पर पहुँचे लोगों का कार्ड बदलने में माहिर थी। वो एटीएम लाइन में खड़े रहकर ग्राहकों की मदद करने के बहाने उनके एटीएम कार्ड बदल लेती थी और बाद में असली कार्ड से ट्रांजेक्शन कर लेती थी। फिर दोनों मिलकर पैसों की हेरफेर करते। जरूरत पड़ने पर फोन करके किसी न किसी बहाने से लोगों को ठगती भी थी।
इसी के साथ दोनों ने पाकिस्तान में हवाला और अन्य माध्यमों के जरिए पाँच करोड़ रुपए भेजे है ऐसा पुलिस का कहना है। यह दोनों मिलकर ठगी का दस प्रतिशत कमीशन के नाम पर रखकर बाकी का हिस्सा पाकिस्तान भेजा करते थे। इन दोनों के व्यवहारों में पाकिस्तान तक जाने वाली मनी ट्रेल मिलने की बात पुलिस ने की है। पुलिस अब साइबर सेल के साथ मिलकर इन दोनों की गहराई से जाँच पड़ताल में जुटी है। प्राथमिक सर्वेक्षण से पुलिस का कहना है कि जामताड़ा से लेकर भोपाल और मुंबई तक सभी साइबर फ्रॉड्स के साथ यह दोनों काम किया करते थे।
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