एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं की हो रही हत्या से कश्मीरी हिंदू पूरी तरह से डरा व सहमा हुआ है| क्षेत्र में असुरक्षित और असहज की भावना से एक फिर उनके सामने पलायन के सिवाय दूसरा कोई चारा नहीं बचता दिखाई दे रहा है| ऐसे में केंद्र सरकार ने उच्चस्तरीय मंत्री और अधिकारियों की एक बैठक आयोजित कर, घटनाओं की समीक्षा किया और आतंकियों से निपटने के लिए एक रणनीति बनाने का फैसला किया है| इसके तहत जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के पुरे ढांचे को बदलने की तैयारी है|
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा हुई। इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, एनएसए अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, खुफिया ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक कुलदीप सिंह, सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख पंकज सिंह, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह सहित प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।
सूत्रों का कहना है कि नई रणनीति के तहत अगले कुछ दिनों में माहौल खराब करने वाले स्थानीय लोगों, छोटे अपराधियों और आतंकियों से हमदर्दी रखने वाले लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। इसी तरह के कदम अक्टूबर 2021 में उठाए गए थे जब नागरिकों की हत्याओं का यही पैटर्न देखा गया था। सबूत मिलने पर गिरफ्तारियां भी की जाएंगी। अगर जरूरी हुआ तो पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट के तहत डिटेंशन में भी रखा जा सकता है।
यह भी पढ़ें-
कर्नाटक: हिजाब पहनकर आने पर छह छात्राएं निलंबित, कई को घर भेजा