MP: वीरेंद्र खटीक जिन्होंने चौपाल से बनाई पहचान,क्यों खाये पिता से डांट?

MP: वीरेंद्र खटीक जिन्होंने चौपाल से बनाई पहचान,क्यों खाये पिता से डांट?

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में मध्‍य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद डॉक्‍टर वीरेंद्र कुमार खटीक भी शामिल हैं। उनकी पहचान एक चौपाल लगाने वाले नेता की है। डॉक्‍टर वीरेंद्र कुमार खटीक पंचर ठीक करने का भी काम कर चुके है। पंक्चर सुधारने से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने तक का उनका सफर राजनीति में एक मिसाल है। डॉक्‍टर वीरेंद्र कुमार खटीक लगातार 7वीं बार संसद के लिए चुने गए हैं। सांसद के पिता सागर में पंचर बनाने का कार्य करते थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल में डा. वीरेंद्र कुमार के शामिल होने की जानकारी मिलते ही उनके गृहनगर में खुशी का माहौल है। वीरेन्द्र खटीक ने 5वीं से लेकर सागर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने साइकिल रिपेयरिंग का काम किया। उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि दुकान पर शुरुआत में वो लापरवाही से काम करते थे। कई बार दुकान में पंचर सुधारने के दौरान पिता की डांट भी खानी पड़ती थी।

पंचर सुधारने के काम को में ध्यान से नहीं करता था तो पिताजी उन्हें अच्छी तरह से पंचर बनाना सिखाते थे।धीरे-धीरे पंचर बनाने से लेकर रिपेयरिंग के सारे काम उन्हें आने लगे तो फिर उन्होंने दुकान की जिम्मेदारी संभाल ली थी। वीरेंद्र खटीक सादगी की मिसाल हैं। उनका सालों पुराना स्कूटर क्षेत्र में हर कोई पहचान जाता है। वीरेन्द्र खटीक जब सागर सांसद थे तो अपने पुराने स्कूटर से घूमा करते थे।वे सागर सांसद रहे हो या फिर मौजूदा टीकमगढ़ सांसद उनका स्कूटर उनके साथ रहता। कई कार्यक्रमों में स्कूटर से ही पहुंचते हैं, जबकि कार का इस्तेमाल दूर जाने के लिए ही करते है हैं। वीरेंद्र खटीक ने छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था। वो 1977 में वीरेंद्र खटीक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे। इसके बाद इमरजेंसी के समय वीरेंद्र खटीक 16 महीने तक जेल में रहे।सन् 1996 में पहली बार सागर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। वीरेंद्र खटीक सागर से लगातार चार बार जीतकर संसद पहुंचे थे। साल 2009 और 2014 में टीकगमढ़ सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे। सितंबर 2017 में मोदी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय राज्य मंत्री बने। साल 2019 में वो सातवीं बार लोकसभा सांसद चुने गए।

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