नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ट्विटर पर की गई कार्रवाई के बाद कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कानून मंत्री ने एक बाद कई ट्वीट किये हैं। उन्होंने लिखा, ‘भारत की संस्कृति अपने बड़े भूगोल की तरह बदलती रहती है। कुछ स्थितियों में, सोशल मीडिया के प्रसार के साथ एक छोटी सी चिंगारी भी आग लगा सकती है, खासतौर पर फर्जी खबरों के मामले में।’
The culture of India varies like its large geography. In certain scenarios, with the amplification of social media, even a small spark can cause a fire, especially with the menace of fake news. This was one of the objectives of bringing the Intermediary Guidelines.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 16, 2021
It is astounding that Twitter which portrays itself as the flag bearer of free speech, chooses the path of deliberate defiance when it comes to the Intermediary Guidelines.
What happened in UP was illustrative of Twitter’s arbitrariness in fighting fake news. While Twitter has been over enthusiastic about its fact checking mechanism, it’s failure to act in multiple cases like UP is perplexing & indicates its inconsistency in fighting misinformation.
11:32 AM · Jun 16, 2021
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 16, 2021
उन्होंने आगे लिखा, ‘ट्विटर अपने फैक्ट चेकिंग मकैनिजम को लेकर अति उत्साही रहा है लेकिन यूपी जैसे कई मामलों में कार्रवाई करने में विफल रहने के बाद यह फर्जी सूचना से लड़ने में इसकी अयोग्यता को दर्शाता है।’ रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा, ‘भारतीय कंपनियां फिर वह आईटी हो या फार्मा, जब बिजनेस के लिए अमेरिका या किसी और देश जाती हैं, तो स्वेच्छा से वहां के कानूनों का पालन करती है। तो फिर ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म गलत का शिकार हुए लोगों को आवाज देने के मकसद से बनाए भारतीय कानूनों का पालन करने में क्यों आनाकानी कर रहे हैं। ‘आखिर में रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘अगर किसी विदेशी कंपनी को लगता है कि वे खुद को भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बुलंद करने वाला बताकर यहां के कानूनों का पालन करने से बच सकते हैं, तो इस तरह के प्रयासों को असफल कर दिया जाएगा। ‘मालूम हो कि 25 मई से लागू नए आईटी नियमों का ट्विटर ने अब तक पालन नहीं किया है। इसके बाद सरकार ने आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिली कानूनी कार्रवाई से छूट को वापस ले लिया है। इसके बाद यूपी के गाजियाबाद में ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह केस एक वायरल वीडियो के संबंध में दर्ज हुआ है।