पूर्व सांसद अतीक अहमद को 2005 में बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में मंगलवार को स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया। फैसले में पूर्व सांसद और अन्य आरोपियों को आजीवन करावास की सजा सुनाई है। आईपीसी की धारा 364 A समेत कई धाराओं में दोषी करार दिया गया। सजा सुनाते हुए कोर्ट ने उनपर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना उमेश पाल के परिवार वालों को दिया जाएगा। जबकि अतीक के भाई अशरफ अहमद समेत सात आरोपियों को निर्दोष करार दिया।
सुनवाई में अभियोजन ने अधिकतम सजा की सिफारिश करते हुए आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की। जबकि अतीक अहमद के वकील के ओर से माफिया की बीमारी, उम्र और जनप्रतिनिधि होने का हवाला देकर कम सजा की मांग की गई। इस मामले पर दोनों पक्षों में करीब एक घंटे तक बहस हुई।
अतीक अहमद पर आरोप है कि बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड में गवाही बदलने के लिए साल 2006 में उमेश पाल का अपहरण करवाया। आरोप है कि तीन दिनों तक बंधक बनाकर माफिया अतीक और उसके गुर्गों ने उमेश पाल की पिटाई की थी। जिस दौरान की यह घटना है उस समय यूपी में अतीक का आतंक था। उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ समेत दस के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। धारा 147, 148, 149, 323, 341, 504, 506, 342, 364 और 120 बी के तहत दर्ज पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
उमेश पाल के अपहरण मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र है। इस केस में अतीक अहमद, अशरफ अहमद, हनीफ, दिनेश पासी, फरहान, जावेद, इशार, आसिफ मल्ली और अंसार दोषी सिद्ध हुए। जबकि एक और आरोपी अंसार की मौत हो चुकी है। बता दें कि अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है।
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