राम भक्तों के लिए बड़ी खबर आ रही है रामलला की मूर्ति बनाने का इंतजार अब खत्म हो गया है। मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगिराज राम मंदिर में कर्नाटक से लाए गए पत्थर पर राम की मूर्ति बनाएंगे। उन पर भगवान श्रीराम की मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी आई है। जल्द ही रामलला अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे। मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2024 में भगवान राम अपने मूल गर्भगृह में विराजमान होंगे।
राम मंदिर निर्माण को लेकर मंदिर ट्रस्ट की दो दिवसीय अनौपचारिक बैठक हुई। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, उडुप्पी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य, कामेश्वर चौपाल, अयोध्या राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र, डॉ अनिल मिश्रा, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी भी मौजूद रहे।
इस बैठक में राम मंदिर में भगवान रामलाल के अभिषेक को लेकर चर्चा हुई। इससे पहले समिति ने रामजन्मभूमि परिसर और रामसेवकपुरम का निरीक्षण किया। ट्रस्ट की ओर से बताया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेषज्ञों से फीडबैक मांगा गया है। रामलला की मूर्ति बनाने का भी फैसला लिया गया है, जिसके लिए मूर्तिकार अयोध्या पहुंच गए हैं।
वर्तमान में राम मंदीर का कार्य प्रगति पर है और जून तक मंदिर की छत की ढलाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जनवरी 2024 में सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करते ही मंदिर में श्री राम का अभिषेक करने के लिए ज्योतिषियों से चर्चा की जा रही है। विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य ने कहा कि इस दौरान किस तरह का उत्सव होगा इसकी तैयारी मई में होने वाली बैठक में की जाएगी।
मूर्ति किस प्रकार से बनना है सभी चित्रों को एकत्र करके फाइनल कर दिया गया है। भगवान रामलला की मूर्ति 5 साल के आयु वाले मुख में मधुर मुस्कान और खड़े मुद्रा में हाथ में धनुष लिए हुए होंगे। वही कहा कि कर्नाटक के कारकर और हिग्रेवनकोटे गांव से लाये गये पत्थरों पर मूर्ति का कार्य किया जाएगा। तो वही जानकारी देते हुए बताया कि मैसूर मूर्तिकार अरुण योगीराज मूर्ति बनाने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं।
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