कायम है लम्पी वायरस का प्रकोप, हजारों मवेशियों को निगल चुका है

वेरिएंट में बदला वायरस तो वैक्सीन का होगा कम असर

कायम है लम्पी वायरस का प्रकोप, हजारों मवेशियों को निगल चुका है

कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से जूझने के बाद स्थिति कुछ सामान्य होनी शुरू हुई थी कि अब बेजुबान जानवरों पर लम्पी वायरस जैसी बीमारी का कहर टूट पड़ा है। यह नया वायरस पशुओं पर कहर बरपा रहा है। लंपी त्वचा रोग, जिसको लेकर बड़ी चिंता सामना आई है। ये बीमारी दुधारू पशुओं में पाई जा रही है , मुख्य रूप से ये गायों में देखने को मिल रही है। इससे संक्रमित होने वाली गायों की हजारों की संख्या में मौत हो चुकी हैं। लंपी संक्रमित पशु के संपर्क में आने से ही अन्य स्वस्थ पशु को भी हो जाता है। हालांकि कोरोना की तरह अब लंपी वायरस के वेरिएंट बदलने की आशंका जताई जा रही है। राजस्थान सरकार ने इस वायरस के वेरिएंट बदलने की आशंका जताई है। राजस्थान सरकार भी अब लंपी वायरस को लेकर अधिक गंभीर है। यहां पशुओं की देखभाल के लिये नए पशु चिकित्सा केंद्र खोले जा रहे हैं। इतना ही नहीं, राज्य सरकार 500 से अधिक पशु एम्बुलेंस भी खरीदने जा रही है, जिसके लिए विधायक कोष से जल्द ही अनुमति मिलने की उम्मीद है।  

बता दें कि वैज्ञानिक इस लंपी वायरस पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं। दरअसल किसी भी तरह के वायरस से बचाव के लिए दवा या वैक्सीन निर्धारित होती है। यदि वायरस वेरिएंट बदलता है तो सबसे पहले निर्धारित दवा का असर कम होने लगता है। वायरस वेरिएंट में इसलिए बदलता है, ताकि लंबे समय तक किसी जैविक शरीर में रह सके। इसलिए यदि कोई पशु लंपी की चपेट में आया है तो वेरिएंट बदलने पर दोबारा वायरस अपनी गिरफ्त में ले सकता है। हालांकि यदि लंपी ने वेरिएंट बदला तो मौजूदा समय में जो वैक्सिनेशन अभियान चलाया जा रहा है, उस पर असर पड़ सकता है। इस मामले में पशु चिकित्सक का कहना हैं कि पशुओं के लिए लंपी वायरस बेहद खतरनाक है, लेकिन इसके वेरिएंट का बदलना और भी चिंताजनक हो सकता है, इसलिये पशु पालकों को इन पशुओं के लक्षणों पर लगातार निगरानी बनाये रखनी होगी।  

हालांकि ज्यादातर राज्यों में  पशुओं को लंपी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया हैं, लेकिन महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पशुओं की हालत काफी गंभीर है। यहां लंपी त्वचा रोग से पीड़ित पशुओं की तादात काफी ज्यादा है। इसकी रोकथाम के लिये राज्य सरकार स्तर से फ्री वैक्सिनेशन और दवा डिस्ट्रीब्यूशन का अभियान चलाया जा रहा है। लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिये गांव-गांव कैम्प भी लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि राजस्थान में लंपी वायरस की वजह से बीते तीन महीने में 60 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। वहीं, 8 लाख गोवंश लंपी से संक्रमित हो चुके हैं।  

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