मध्यप्रदेश में नौवा बाघ अभयारण्य बनने जा रहा है, जिसे भारत के वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम की तरह देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को लेकर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि देश हमेशा पशुओं की सुरक्षा में अग्रणी रहेगा। उन्होंने मध्य प्रदेश में नौवें बाघ अभयारण्य की घोषणा को वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
मध्य प्रदेश को अपना नौवां बाघ अभयारण्य, शिवपुरी में है, जिसे माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य नाम से घोषित किया गया है। यह पहला ऐसा अभयारण्य है, जहां निर्माण प्रक्रिया छह महीने के भीतर पूरी की गई। यह शिवपुरी में स्थित है और 37,523.344 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पोस्ट पर लिखा है, “भारत पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण में लगातार बड़ी प्रगति कर रहा है। यह घोषणा करते हुए रोमांचित हूं कि देश ने अपने 58वें टाइगर रिजर्व को अपनी सूची में शामिल कर लिया है, जिसमें नवीनतम प्रवेश मध्य प्रदेश के माधव टाइगर रिजर्व का है। यह मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व है। मैं सभी वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों को बधाई देता हूं। यह विकास हमारे वन अधिकारियों के अथक प्रयासों का प्रमाण है जो निस्वार्थ भाव से इस उद्देश्य के लिए काम कर रहे हैं।”
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय पर्यावरण, मंत्री भूपेंद्र यादव के पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा, “वन्यजीव प्रेमियों के लिए आश्चर्यजनक खबर! भारत वन्य जीव विविधता और वन्य जीवों का जश्न मनाने वाली संस्कृति से धन्य है। हम हमेशा जानवरों की रक्षा करने में सबसे आगे रहेंगे।”
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गौरतलब है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1956 में हुई थी, और इसे बाघ अभयारण्य का दर्जा मिलने की प्रक्रिया महज छह महीनों में पूरी कर ली गई। इस घोषणा का औपचारिक उद्घाटन 10 मार्च को किया जाएगा, जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की जयंती का दिन है। मध्य प्रदेश पहले से ही आठ अन्य बाघ अभयारण्यों का घर है, जिनमें सतपुड़ा, पेंच, बांधवगढ़, कान्हा, संजय दुबरी, पन्ना, रानी दुर्गावती और रातापानी शामिल हैं। नए अभयारण्य के जुड़ने से राज्य की जैव-विविधता को और मजबूती मिलेगी।