उत्तर प्रदेश में बारह साल में एक बार लगने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां चल रही हैं। महाकुंभ मेले के परिसर में व्यवस्थाओं और अन्य मुद्दों पर प्रशासन विभिन्न मुद्दों पर काम कर रहा है| महज दो महीने में आने वाले महाकुंभ मेले को देखते हुए देशभर के श्रद्धालुओं ने प्रयागराज जाने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है|योगी सरकार ने महाकुंभ मेले के लिए संपूर्ण स्वतंत्र जिले की घोषणा की है|इस जिले का संपूर्ण प्रबंधन स्वतंत्र होगा|इस जिले का नाम भी महाकुंभ मेले के नाम पर रखा गया है।
महाकुंभ मेला अगले साल 13 जनवरी से शुरू होगा. यह भक्ति 26 फरवरी 2025 तक चलेगी. प्रयागराज में हर 12 साल में महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु, साधु-संन्यासी आते हैं। प्रशासन को इस दौरान इस क्षेत्र के प्रबंधन के लिए काफी काम करना होगा| इसके लिए बड़ी मात्रा में प्रावधान तैनात किया गया है। अभी तक महाकुंभ मेले का प्रबंधन प्रयागराज जिला प्रशासन देख रहा था,लेकिन अब महाकुंभ मेले के लिए अलग जिले की घोषणा कर दी गई है|
नए जिले का नाम क्या होगा?: प्रयागराज के उस पूरे क्षेत्र को जहां महाकुंभ मेला लगता है, जिला घोषित कर दिया गया है. उस जिले को ‘महाकुंभ मेला’ नाम दिया गया है| इस जिले का संचालन पूर्णतः स्वतंत्र रूप से किया जायेगा। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि महाकुंभ मेले के आयोजन और इससे जुड़े सभी मामलों को सुव्यवस्थित तरीके से पूरा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है|
इस संबंध में प्रयागराज के कलेक्टर रवींद्र कुमार मांदड़ के नाम से एक सर्कुलर जारी किया गया है| यह 23 नवंबर 2024 की अधिसूचना है जिसमें स्वतंत्र जिलों को दर्ज किया गया है| इसमें महाकुंभ मेला जिले की सीमाएं भी निर्धारित की गई हैं और इसका प्रबंधन कैसे किया जाएगा इसका भी जिक्र किया गया है| इसके अनुसार महाकुंभ मेला प्रबंधन समिति में मुख्य कार्यकारी मजिस्ट्रेट, कलेक्टर और अपर कलेक्टर कार्यरत रहेंगे|
जायजा लेंगे पीएम मोदी: इस बीच, दो महीने दूर महाकुंभ मेले के प्रबंधन का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 13 दिसंबर को उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे| इस मौके पर महाकुंभ मेले के प्रबंधन और सुरक्षा प्रावधानों को लेकर बैठकें आयोजित की गई हैं|
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