Mahakumbh 2025: महाकुंभ में अभी कितने पवित्र और अमृत स्नान होने हैं! 

13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का शुभारंभ हुआ है, इसका समापन 26 फरवरी 2025, महाशिवरात्रि के दिन होगा। 

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में अभी कितने पवित्र और अमृत स्नान होने हैं! 

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महाकुंभ की बात होती है तो सबसे पहले श्रद्धालुओं के मन में उन महत्वपूर्ण तिथियों को जानने की जिज्ञासा होती है, जिनमें अमृत स्नान किया जा सकता है। बता दें कि 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा को पवित्र स्नान और 14 जनवरी यानि मकर संक्रांति पर अमृत स्नान किया गया| इन दो दिन के अंदर महाकुंभ में लगभग 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई| 

बता दें कि महाकुंभ में पवित्र स्नान और अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं द्वारा इंटरनेट पर सर्च किया जाता है, लेकिन स्नान की तिथियों को लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई हैं, कोई पांच अमृत स्नान बता रहा तो कोई छह। वही इस महाकुंभ में कुल 3 पवित्र स्नान और 3 अमृत स्नान की तिथियां बताई गयी हैं|  

भव्य महाकुंभ 2025 आस्था, भक्ति और आध्यात्मिक एकता के जबरदस्त प्रदर्शन के साथ शुरू हो चुका है। 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का शुभारंभ हुआ है, इसका समापन 26 फरवरी 2025, महाशिवरात्रि के दिन होगा। महाकुंभ 45 दिन तक चलेगा। बता दें कि प्रयागराज में आयोजित इस बार के कुंभ में तीन अमृत स्नान होंगे, जिसमें से एक अमृत स्नान हो चुका है। अब दो पवित्र अमृत स्नान बाकी हैं, इसके अतिरिक्त अब दो ऐसी तिथियां हैं जिन पर स्नान करना भी काफी शुभ माना जाएगा।

अब दो पवित्र अमृत स्नान बाकी हैं: 29 जनवरी (बुधवार)- अमृत स्नान, मौनी अमावस्या, 3 फरवरी (सोमवार)- अमृत स्नान, बसंत पंचमी, 12 फरवरी (बुधवार)- स्नान, माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी (बुधवार) – स्नान, महाशिवरात्रि | 

महाकुंभ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है। इसे कुंभ मेला भी कहा जाता है, महाकुंभ का आयोजन 12 वर्षों में किया जाता है। जहां पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। यह उत्सव भारत की चार पवित्र नदियों और चार तीर्थ स्थानों पर ही आयोजित होता है। महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज के संगम, हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में शिप्रा नदी, और नासिक में गोदावरी नदी पर किया जाता है। इस बार प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है।

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