प्रयागराज महाकुंभ में संगम पर उमड़े श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ के आगे अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए निर्धारित मार्ग की बैरिकेडिंग भी टिक नहीं सकी। टावर नंबर वन के पास स्थित मोड़ से लेकर संगम नोज तक कम से कम 10 जगहों से बैरिकेटिंग तोड़कर श्रद्धालुओं की भीड़ आगे बढ़ गई। मकर संक्रांति पर भीड़ उमड़ेगी, लेकिन तड़के ही श्रद्धालुओं की संख्या 80 लाख को पार कर जाएगी। इसका अंदाजा किसी ने नहीं लगाया था। यही वजह रही कि अखाड़ों के साधु-संतों के अमृत स्नान के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किए गए सारे इंतजाम धरे रह गए।
इस बीच श्रद्धालुओं की भीड़ ने संगम नोज टावर नंबर एक से 100 मीटर पहले ही अखाड़ा मार्ग पर बैरिकेडिंग तोड़कर श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग पर आ गए। बाद में आईटीबीपी के जवानों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर सुरक्षा घेरा बनाया और फिर सभी ने राहत की सांस ली। संगम पर उमड़े आस्थावानों के ज्वार के आगे अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए निर्धारित मार्ग की बैरिकेडिंग टिक नहीं सकी। टावर नंबर वन के पास स्थित मोड़ से लेकर संगम नोज तक कम से कम 10 जगहों से बैरिकेडिंग तोड़कर श्रद्धालुओं की भीड़ आगे बढ़ गई।
आमतौर पर संगम स्नान के लिए जाते वक्त थोड़े भी व्यवधान से नाराज होने वाले साधु-संत मंगलवार को अलग ही रूप में नजर आए। न सिर्फ स्नान के बाद, बल्कि संगम स्नान के लिए जाते वक्त भी कई नागा साधुओं ने रास्ते में रुककर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया।श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग से आगे तो बढ़े ही, संगम नोज के बाएं साइड में घाट पर पहुंचकर स्नान किया।
अमृत स्नान के दौरान संगम घाट व अखाड़ा मार्ग पर उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत के बाद भी पुलिसकर्मियों के नाकाम रहने पर घुड़सवार पुलिस ने स्थिति संभाली। इस दौरान अमेरिकन ब्रीड के घोड़े जैकी, शाहीन व दारा ने भीड़ को दोनों तरफ से पीछे भेजकर साधु-संतों के लिए अखाड़ा मार्ग खाली कराया। इसके बाद हालात नियंत्रित किए जा सके।
पांटून पुल पर बढ़ी भीड़ तो श्रद्धालु जान जोखिम डालकर पीपा पुल के नीचे से निकलने लगे| मकर संक्रांति पर अखाड़ों के अमृत स्नान के दौरान पांटून पुलों पर स्नानार्थियों की भारी भीड़ रही। सुबह करीब 11:30 बजे पुल नंबर छह को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। उसी समय संगम घाट से स्नान करके अखाड़ों के साधु-संत झूंसी की तरफ लौट रहे थे।
संतों को जाता देख पुलिस कर्मियों ने कुछ समय के लिए पुल पर ही लोगों को रोक दिया, जिससे पुल पर अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया। इस पर कुछ स्नानार्थी अपनी जान जोखिम में डालकर पीपा पुल के नीचे से जाने लगे। संगम नोज पर मंगलवार को हर घंटे में तीन लाख से अधिक लोगों ने स्नान ने किया।
13 जनवरी को पौष पूर्णिमा और 14 जनवरी को पहले अमृत स्नान पर चार करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई। इसमें सर्वाधिक लोगों ने संगम नोज पर ही स्नान को प्राथमिकता दी। देर रात से ही संगम नोज पर भीड़ जुटने लगी थी। वर्ष 2019 में संगम नोज की क्षमता 50 हजार श्रद्धालु प्रति घंटा स्नान की थी, जबकि अब यहां दो लाख से ज्यादा लोग प्रति घंटे स्नान कर सकते हैं, लेकिन भीड़ के दबाव के कारण यह तीन लाख प्रति घंटा तक पहुंच गई।
यह भी पढ़ें-
Mahakumbh 2025: प्रयागराज एक दिन के लिए बना विश्व का सबसे बड़ा शहर!