भाजपा नेता और सांसद मनोज तिवारी ने बाबा बागेश्वर को लेकर कहा कि वे किसी चुनावी उद्देश्य से नहीं, बल्कि सनातन धर्म के प्रचार के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सनातन के प्रचार को भाजपा का प्रचार मानता है, तो वह भी इसे अपनाकर अपने पक्ष में प्रचार कर सकता है।
पत्रकारों से बातचीत में तिवारी ने स्पष्ट किया कि राजनीति और सनातन धर्म अलग-अलग हैं। सनातन धर्म सभी जीवों के प्रति दया की भावना रखता है और सभी को साथ लेकर चलने की शिक्षा देता है। उन्होंने बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोगों की सोच में ही समस्या है और उनके बारे में कुछ कहना बेकार है।
तेजस्वी यादव द्वारा ताड़ी पर प्रतिबंध लगाने की बात पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में एक पार्टी के नेता की छाती 56 इंच की है, जबकि कुछ लोगों की 56 इंच की जीभ है, इसलिए वे जो चाहें, कह सकते हैं।तमिलनाडु में हिंदी विरोध के मुद्दे पर तिवारी ने तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी का गठबंधन एमके स्टालिन के साथ है, जो हिंदी का विरोध कर रहे हैं। अगर तेजस्वी वास्तव में हिंदी का सम्मान करते हैं, तो उन्हें पहले स्टालिन से गठबंधन तोड़ देना चाहिए।
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जेडीयू नेता खालिद अनवर द्वारा औरंगजेब की तारीफ करने पर तिवारी ने इसे देशद्रोह करार देते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली न मनाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि इस देश में हर किसी को अपने धर्म के अनुसार पूजा करने का अधिकार है। यूनिवर्सिटी प्रशासन पर जल्द ही सख्त कार्रवाई होगी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका समाधान निकालेंगे।