अमेरिका के पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने भारत-अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के बीच एक बड़ा राजनयिक भूचाल ला दिया है। रुबिन ने न केवल पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की गिरफ्तारी की मांग की है साथ ही अमेरिका को पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने की भी मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने वॉशिंगटन को सलाह देकर कहा है की, अमेरिका भारत से अपने हालिया रवैय्ये पर माफ़ी मांगे।
न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में रुबिन ने पाकिस्तान को लेकर अमेरिका की नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका के पास पाकिस्तान को गले लगाने का कोई रणनीतिक तर्क नहीं है। उसे आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित किया जाना चाहिए। अगर असीम मुनीर अमेरिका आते हैं, तो उनका सम्मान नहीं, बल्कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।” रुबिन के अनुसार, पाकिस्तान लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है और अमेरिकी विदेश नीति को इसे लेकर यथास्तिति अपनाना बंद करना चाहिए।
रुबिन ने आगे कहा कि अमेरिका ने पिछले एक साल में भारत के साथ जिस तरह का व्यवहार किया है, उसके लिए वॉशिंगटन को माफी मांगनी चाहिए। उनका कहना था कि अमेरिकी प्रशासन के भीतर भारत के खिलाफ अनावश्यक संदेह और दबाव की राजनीति चली है, जिससे दोनों देशों के संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा, “हमें पर्दे के पीछे शांत कूटनीति की जरूरत है, और शायद किसी समय अमेरिका को यह स्वीकार करते हुए भारत से माफी मांगनी चाहिए कि हमने उसका गलत व्यवहार किया।”
रुबिन ने यह भी टिप्पणी की कि भले ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शायद ही कभी माफी मांगते हों, लेकिन “अमेरिकी हित और लोकतांत्रिक देशों की साझेदारी किसी एक व्यक्ति के अहंकार से अधिक महत्वपूर्ण है।”
रुबिन की आलोचना ऐसे समय में आई है जब भारत-अमेरिका संबंध कई मोर्चों पर तनाव का सामना कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ने भारत से आने वाले आयातों पर 50% टैरिफ लगाकर भारत के व्यापार को झटका दिया है, जिसका असर आज भी महसूस किया जा रहा है। हाल के महीनों में अमेरिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत की आलोचना भी की है।
#WATCH | Washington, DC, USA | Former Pentagon official Michael Rubin says, "…There is no strategic logic for the United States embracing Pakistan…It should be designated a state sponsor of terrorism, period. If Asim Munir comes to the United States, he should be arrested… pic.twitter.com/nukhasYwbM
— ANI (@ANI) December 5, 2025
भारत-अमेरिका संबंधों में एक और विवाद का कारण डोनाल्ड ट्रंप का यह बार-बार दोहराया गया दावा है कि उन्होंने अप्रैल में हुए पहलगांव आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को खत्म कराया।
22 अप्रैल के हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में आतंक ढांचे पर भारी कार्रवाई की, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की रिपोर्ट है। पाकिस्तान ने 10 मई को संघर्षविराम की मांग की, जिसके बाद तनाव कम हुआ।
ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि कूटनीतिक दखल से उन्होंने संघर्ष को रोका था। यहाँ तक कि उन्होंने इसे नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य उपलब्धि बताया था। पाकिस्तान ने उनके बयान का समर्थन किया, लेकिन भारत ने इन दावों को पूरी तरह यह कहते हुए खारिज किया कि संघर्षविराम द्विपक्षीय चैनलों के माध्यम से ही हुआ।
पूर्व पेंटागन अधिकारी की टिप्पणियाँ वॉशिंगटन, नई दिल्ली और इस्लामाबाद तीनों राजधानियों में चर्चा का विषय बन गई हैं। अमेरिकी प्रशासन भले ही इन बयानों को आधिकारिक न माने, लेकिन अमेरिका के महत्वपूर्ण रणनीतिक थिंक-टैंक सर्किलों में भारत के प्रति समर्थन और पाकिस्तान के प्रति सख्त नीति की आवाज़ अब और तेज़ हुई है।
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