उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में वक़्फ़ बोर्ड की 704 सम्पत्तियों की सूची जारी की गई, जिसमें से 598 सम्पत्तियां सरकारी खतौनी में पायी गई। साथ ही इनमें से 23 का गाटा निजी बताया गया है, जबकि 83 का गाटा अभी चिन्हांकित नहीं हुआ है। इसी बीच मिर्जापुर के जिलाधिकारी ने कहा है की मिर्जापुर में कोई भी संपत्ति वक़्फ़ बोर्ड की नहीं पायी गई।
बता दें की, मिर्जापुर जिले के जनपद में दो तरह की वक़्फ़ सम्पत्तियां बताई गई है, जिनमे सामाजिक और वंशपरंपरागत सम्पत्तियां बताई गई है। इनमें अधिकतर 697 सम्पत्तियों पर सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने दावा किया है। तो कुछ 7 शिया वक़्फ़ बोर्ड ने कब्जाई सम्पत्तियां भी कही गई है।
इसी सम्पत्तियों का जिलाधिकारी द्वारा किए गए सत्यापन में खुलासा हुआ है की इनमें से करीब 598 सम्पत्तियां ऐसी है जिनपर वक़्फ़ बोर्ड ने कब्ज़ा किया है। जिलाधिकारी प्रियांक निरंजन ने स्पष्ट तौर पर कहा है की, “वक़्फ़ बोर्ड ने 704 सम्पत्तियों की सूची दी थी जिनमें 598 सम्पत्ति सरकारी खतौनी पर दर्ज है। 23 संपत्ति निजी गाटा मौजूद है, जबकि 83 संपत्ति का गाटा चिन्हांकित नहीं है।”
तहसीलवार आंकड़ों के अनुसार, सदर तहसील में 244, चुनार में 430, मड़िहान में 25 और लालगंज तहसील में 5 संपत्तियों पर दावा किया गया था। जांच में इनमें से सदर में 154, चुनार में 416, मड़िहान में 24 और लालगंज में 4 संपत्तियां सरकारी निकलीं है।
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दरम्यान सदर तहसील के लोहिया तालाब के पास 16 बीघे जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा है, जिस पर मानचंद सोनकर की तीन पीढ़ियां मुकदमा लड़ रही हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वक्फ बोर्ड अब तक कोर्ट में कोई सबूत पेश नहीं कर पाया है।