मुनव्वर राणा की बढ़ीं मुश्किलें, गिरफ्तारी पर रोक से कोर्ट का इंकार

राणा ने तालिबान की तुलना महर्षि वाल्मीकि से की थी

मुनव्वर राणा की बढ़ीं मुश्किलें, गिरफ्तारी पर रोक से कोर्ट का इंकार
लखनऊ। शायर मुनव्वर राणा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मुनव्वर राणा ने तालिबान के समर्थन में बयान दिया था। अब इस मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोका लगाने से इंकार कर दिया है। इतना ही नहीं मुकदमें में राहत देने वाली याचिका को भी ख़ारिज कर दी है। बता दें कि सामाजिक सरोकार फाउंडेशन और अखिल भारत हिन्दू सभा ने मुनव्वर राणा के खिलाफ धार्मिक भावनाये भड़काने के आरोप में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने तालिबान की तुलना महर्षि वाल्मीकि से की थी। जिसके बाद वाल्मीकि समाज ने आपत्ति जताई थी।
दरअसल, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने इस आतंकी संगठन का समर्थन किया था। मुनव्वर राणा ने तालिबान का बचाव करने के लिए कहा था, ”तालिबान ने वास्तव में अपने देश को आजाद कराया है। तालिबान आतंकवादी नहीं हैं, उन्हें ‘आक्रामक’ कहा जा सकता है।” उन्होंने आगे कहा, ‘अगर आप इतिहास पर नजर डालें तो अफगानों ने कभी भी भारत का कुछ भी बुरा नहीं किया है। भारत को तालिबान से डरना नहीं चाहिए।’
इस दौरान 68 वर्षीय कवि ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना भी तालिबान से कर डाली थी। मुनव्वर राणा ने कहा था,’वाल्मीकि रामायण लिखने के बाद भगवान बन गए।
इससे पहले वह एक डाकू थे। एक व्यक्ति का चरित्र बदल सकता है। इसी तरह तालिबान अभी के लिए आतंकवादी हैं, लेकिन लोग और चरित्र बदल जाते हैं।’ मुनव्वर राणा की इस टिप्प्णी के खिलाफ लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला। वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने दलितों का अपमान करने के लिए कवि के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। सामाजिक सरोकार फाउंडेशन और अखिल भारत हिंदू महासभा ने मुनव्वर राणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। कवि के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
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