उत्तर प्रदेश के बरेली में एक ईसाई युवक और मुस्लिम युवती ने सनातन धर्म के अनुसार शादी की। दोनों की जान पहचान स्कूल के समय थी। इस बीच जब दोनों ने शादी करने का फैसला किया तो धर्म आड़े आ गया। हालांकि इसके बाद युवक ने मुस्लिम युवती ने को धर्म बदलकर शादी का सुझाव दिया तो युवती भी मान गई। और दोनों ने सनातन धर्म अपनाकर अगस्त्य मुनि आश्रम में शादी कर ली।
रिपोर्ट के अनुसार, बरेली का रहने वाला ईसाई लड़का सुमित और पीलीभीत की मुस्लिम युवती नूर बी दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे, और शादी करना चाहता है। लेकिन दोनों के परिवार वालों ने इस शादी का विरोध किया। सुमित को सनातन धरम काफी पसंद करता था, इसलिए उसने नूर बी को धरम बदलकर शादी करने की बात कही तो नूर बी तुरंत मन गई और उन्होंने शादी का फैसला किया।
इसके बाद दोनों को हिन्दू वाहिनी संगठन के कार्यकर्ता बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम लेकर आये और आश्रम के महंत से सारी बात बताई। इसके बाद महंत पंडित केके शंखधर ने दोनों के बालिग होने का सबूत देखा उसके बाद उन्होंने शादी की अनुमति दी। इसके बाद सुमित और नूर बी ने सनातन धर्म अपनाकर एक दूसरे के हो गए। शादी के बाद दोनों ने सनातन धर्म के संस्कारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। हिन्दू धर्म अपनाने के बाद नूर बी का नाम निशा हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के घरवालों ने सुमित सहित उसके परिवार वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। वहीं ‘ऑपइंडिया’ के अनुसार लड़की के पिता ने इस मामले कोई केस दर्ज नहीं कराया है।
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