मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फिर जताई सूर्य नमस्कार पर आपत्ति 

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फिर जताई सूर्य नमस्कार पर आपत्ति 
एक बार फिर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार के उस फैसले पर आपत्ति जताई है जिसमें कहा गया है कि 1 से 7 जनवरी तक स्कूलों में सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाएगा। बोर्ड ने कहा है कि इस्लाम में सूर्य नमस्कार की इजाजत नहीं है। बोर्ड ने सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है। बता दें इससे पहले भी कई बार बोर्ड सूर्य नमस्कार पर आपत्ति जता चुका है।
बोर्ड ने कहा है कि शिक्षा मंत्रालय ने 1 से 7 जनवरी तक 30 राज्यों में सूर्य नमस्कार योजना चलाने का फैसला किया है। इसके तहत 30 हजार स्कूलों को शामिल किया जाना तय किया है। बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह ने मुस्लिम छात्रों को ‘सूर्य नमस्कार’ से दूर रहने की अपील है। साथ ही उन्होंने कहा है कि ” भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है साथ ही बहु धार्मिक और बहु संस्कृति देश है। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा है कि  इसी को ध्यान में रखकर भारतीय संविधान लिखा गया है। साथ स्कूल पाठ्यक्रम भी उसी आधार पर बनाये गए हैं,लेकिन वर्तमान सरकार इससे भटक रही है।
महासचिव ने कहा है कि इस्लाम में सूर्य नमस्कार को इजाजत नहीं है इसलिए मुस्लिम छात्र  या छात्राएं केंद्र सरकार द्वारा आयोजित किये जाने वाले सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम में शामिल न हो।  उन्होंने आगे कहा कि सूर्य नमस्कार पूजा का ही दूसरा रूप है। इस्लाम में  सूर्य को देवता नहीं माना गया है और नहीं  इसके पूजा पाठ को सही  मानता है।
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