विवादास्पद अमेरिकी फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। अमेरिकी दक्षिणपंथी कमेंटेटर टक्कर कार्लसन ने यह दावा किया कि एपस्टीन शायद इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम कर रहा था। अब इस पर इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इन आरोपों को “झूठ और बदनामी की एक विषैली लहर” बताया है और स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है।
बेनेट ने कहा, “यह आरोप कि जेफरी एपस्टीन किसी तरह इजरायल या मोसाद के लिए काम कर रहा था और ब्लैकमेल रैकेट चला रहा था, पूरी तरह से झूठा और निराधार है।” उन्होंने आगे कहा, “मेरे देश और मेरी जनता के खिलाफ झूठ और बदनामी की एक विषैली लहर चल रही है, और अब हम इसे और बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
बेनेट की यह प्रतिक्रिया टक्कर कार्लसन ने हाल ही में एक रूढ़िवादी सम्मेलन में दिए बयान के बाद आई है। कार्लसन ने बिना किसी ठोस प्रमाण के दावा किया कि एपस्टीन की गतिविधियां किसी विदेशी खुफिया एजेंसी के ब्लैकमेल ऑपरेशन का हिस्सा हो सकती हैं। कार्लसन के बयान के बाद सोशल मीडिया पर एपस्टीन और मोसाद के कथित संबंधों को लेकर चर्चा तेज हो गई।
ऐपस्टीन के बारे में यह अफवाहें पहले भी सामने आती रही हैं, खासकर उसकी नजदीकी मीडिया टाइकून रॉबर्ट मैक्सवेल और उनकी बेटी घिसलेन मैक्सवेल से होने को लेकर। घिसलेन को एपस्टीन के यौन शोषण रैकेट में सह-आरोपी बनाया गया है। कुछ रिपोर्टों ने यह भी दावा किया है कि एपस्टीन की मुलाकात पूर्व इजरायली प्रधानमंत्री एहूद बराक से भी हुई थी, जिससे इन दावों को और बल मिला।
हालांकि, अभी तक किसी भी सरकारी जांच एजेंसी ने इन आरोपों की पुष्टि नहीं की है। अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने इस महीने की शुरुआत में एक मेमो जारी किया था, जिसमें साफ कहा गया था कि ऐपस्टीन के पास कोई ‘क्लाइंट लिस्ट’ नहीं थी और न ही उसके पास शक्तिशाली लोगों को ब्लैकमेल करने के प्रमाण हैं। इसके बावजूद, एपस्टीन की रहस्यमय मौत और राजनेताओं से उसके कथित संबंधों को लेकर अटकलें बनी हुई हैं।
इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि न्याय विभाग को एपस्टीन से जुड़ी सभी विश्वसनीय जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए। उन्होंने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, “अटॉर्नी जनरल (पाम बॉन्डी) ने इस मामले को अच्छी तरह से संभाला है।” ट्रम्प ने यह भी आरोप लगाया कि एपस्टीन फाइलें डेमोक्रेटिक सरकारों द्वारा बनाई गई साजिश हैं, हालांकि उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में कई बार कहा था कि वे इन्हें संभवत: जारी करेंगे।
एपस्टीन मामले की सच्चाई अब भी रहस्य बनी हुई है। हालांकि, इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट द्वारा इस मामले में दिया गया जोरदार खंडन यह स्पष्ट करता है कि इजरायल सरकार ऐसे किसी भी कथित जुड़ाव को स्वीकार नहीं करती। इस बीच, ट्रम्प समर्थक लगातार दबाव बना रहे हैं कि एपस्टीन केस से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक की जाएं, ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके। लेकिन जब तक सबूत सामने नहीं आते, यह मामला साजिशों और अटकलों का केंद्र बना रहेगा।
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