नासिक के रामकुंड का कायापलट होगा और अयोध्या, वाराणसी और हरिद्वार की तर्ज पर नासिक की गोदावरी नदी में भी अब रोजाना महाआरती होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए 5 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दी है। पंचायत सिद्धपीठम के महंत अनिकेत शास्त्री ने इस संबंध में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार से बात की| इसलिए अंतत: गोदावरी नदी पर महाआरती करने के लिए राशि स्वीकृत की गई है।
गंगा नदी को पवित्र नदी के रूप में जाना जाता है। गंगा नदी का भी बड़ा धार्मिक महत्व है। इसी प्रकार नासिक शहर से होकर बहने वाली गोदावरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता है। गोदावरी नदी भी गंगा नदी की तरह धार्मिक महत्व वाली एक महत्वपूर्ण नदी है। नासिक में कुंभ मेला भी लगता है और देश भर से श्रद्धालु और कई नागरिक यहां विसर्जन के लिए आते हैं। इसलिए नासिक के रामकुंड इलाके में गंगा की तरह हर दिन महाआरती होगी। इसलिए सरकार ने अब इस महाआरती के लिए राशि स्वीकृत कर दी है।
इस महाआरती के लिए सरकार द्वारा 5 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। बताया गया है कि जल्द ही योजना बनाकर आरती शुरू की जाएगी। नासिक के महंत अनिकेत शास्त्री महाराज ने संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार से फालोअप किया था। इसलिए अंतत: गोदावरी नदी पर महाआरती करने के लिए राशि स्वीकृत की गई है। इसके अनुसार रामकुंड क्षेत्र में प्रतिदिन महाआरती होगी।
गंगा आरती देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी लोग आते हैं। यह आरती पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का विषय होती है। इतना ही नहीं, यह कहना गलत नहीं होगा कि भक्ति भाव से गंगा आरती भी पर्यटकों के लिए पर्यटन का एक विशेष अंग है क्योंकि कई पर्यटक गंगा आरती देखने और अनुभव करने के लिए अयोध्या, वाराणसी और हरिद्वार जैसे स्थानों पर जाते हैं। इसी तर्ज पर नासिक में भी गोदावरी नदी की प्रतिदिन महाआरती होगी। कुछ नागरिक उम्मीद जता रहे हैं कि इस मौके पर नासिक के पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है।
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