विदेशी मुद्रा भंडार में आई इस बढ़त की वजह 28 फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किए गए 10 अरब डॉलर के फॉरेक्स स्वैप को माना जा रहा है। इस फॉरेक्स स्वैप के तहत केंद्रीय बैंक ने लिक्विडिटी बढ़ाने और बाजार को स्थिर करने के उद्देश्य से रुपयों के बदले डॉलर खरीदे थे।
पिछले साल 2024 में सितंबर में फॉरेक्स रिजर्व ऑल-टाइम हाई 704.885 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। विदेशी करेंसी एसेट्स जो कि विदेशी मुद्रा भंडार का अहम घटक है। यह 13.993 अरब डॉलर बढ़कर 557.282 अरब डॉलर हो गया है। आरबीआई के डेटा में बताया गया कि स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) 212 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गए हैं। भारत की आईएमएफ में रिजर्व पॉजिशन 69 मिलियन डॉलर घटकर 4.148 अरब डॉलर हो गई है।
इसके अलावा, आरबीआई के मासिक बुलेटिन में कहा गया था कि हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेर्स दिखाते हैं कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में भारत में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत रह सकती है।
इसके अलावा, रेटिंग एजेंसी मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया कि सरकारी पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी, मौद्रिक नीति में नरमी, बजट में इनकम टैक्स में की गई कटौती भारत की वृद्धि दर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 के मध्य में अस्थायी मंदी के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी आने की उम्मीद है।
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