इस्केमिक हार्ट फेलियर पर नए शोध से जगी उपचार की उम्मीद!

इस्केमिक हार्ट फेलियर पर नए शोध से जगी उपचार की उम्मीद!

New research on ischemic heart failure raises hope for treatment

बेलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन और अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों की एक टीम ने दिल को फिर से ठीक करने का एक नया तरीका खोजा है। इस खोज से इस्केमिक हार्ट फेलियर (जिसमें दिल को खून की कमी हो जाती है) के इलाज की नई उम्मीद जगी है।

यह शोध NPJ रीजनरेटिव मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसे बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन (यूएसए), क्यूआईएमआर बर्घोफर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (ऑस्ट्रेलिया) और अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया है। इस शोध में यह पता लगाया गया कि कैसे दिल की मांसपेशियों की कोशिकाओं (कार्डियोमायोसाइट्स) को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

बेलर कॉलेज में कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग की प्रोफेसर डॉ. रिहाम अबुलीसा ने बताया कि जब दिल की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को नई स्वस्थ कोशिकाओं से बदला नहीं गया, तो दिल कमजोर होने लगता है और धीरे-धीरे हार्ट फेलियर की स्थिति आ जाती है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दिल की कोशिकाओं को फिर से बढ़ाने का एक नया तरीका खोजा।

शोध में क्या पाया गया?

शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर दिल की कोशिकाओं में कैल्शियम के प्रवाह को रोका जाए, तो नई कोशिकाएं बनने की प्रक्रिया तेज हो सकती है

इलाज में क्या बदलाव आ सकता है?

शोध से यह भी साबित हुआ कि अगर LTCC को दवाओं या जीन तकनीक से रोका जाए, तो दिल की मांसपेशियां फिर से बन सकती हैं।

यह रिसर्च दिखाती है कि दिल की मरम्मत के लिए कैल्शियम सिग्नलिंग को नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। इससे दिल की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए नए और बेहतर इलाज के रास्ते खुल सकते हैं।

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