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Friday, October 18, 2024
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कोरोना के बीच केरल में निपाह वायरस ने मारी एंट्री, एक बच्चे की मौत

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बुरी तरह जूझ रहा केरल में अब निपाह ने के एंट्री मारने से हड़कंप मच गया है। राज्य में 12 साल की मौत ने पुरे देश को दहशत में ला दिया है। अब केंद्र सरकार ने आनन फानन में एक टीम भेजा है। बताया जा रहा है कि 12 साल के एक बच्चे में इंसेफेलाइटिस और मायोकार्डिटिस के लक्षण मिले थे। जिसके बाद बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज सुबह भी की मौत हो गई।
केंद्र सरकार ने तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की एक टीम को राज्य में भेजा है।बताया कि राज्य सरकार ने निपाह के संदिग्ध संक्रमण की सूचना मिलने के बाद शनिवार देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) द्वारा लड़के के सभी तीन सैंपल निपाह वायरस पॉजिटिव पाए गए थे। मंत्री ने कहा कि लड़के को कुछ दिनों पहले तेज बुखार की शिकायत के साथ एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और शुरू में उसके दिमागी बुखार से पीड़ित होने का संदेह था।
बाद में सैंपल को आगे के टेस्ट के लिए एनआईवी ले जाया गया। उन्होंने कहा कि लड़के के सभी रिश्तेदारों और उसके इलाज में शामिल सभी लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है। अधिकारियों ने लड़के से जुड़े कुल 30 लोगों को निगरानी में रखा है और 17 नमूने जांच के लिए भेजे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें संदेह है कि वायरस चमगादड़ों से फैला है, जैसा कि पहले हुआ था।
केंद्र सरकार की ओर से तत्काल 4 बड़े कदम उठाने का भी सुझाव दिया गया है। इसमें परिवार, गांव (खासतौर पर मलप्पुरम) में सक्रिय मामलों की खोज, बीते 12 दिनों में बच्चे के संपर्क में आए लोगों की एक्टिव कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, संपर्क में आए लोगों को कड़े क्वारंटाइन में रखना और अन्य संदिग्धों को भी आइसोलेशन में रखना, जांच के लिए सैंपल टेस्टिंग और उसे लैब तक पहुंचाने को जरूरी बताया गया है। विशेषज्ञों की मानें तो निपाह वायरस मुख्यत: चमगादड़ से फैलता है। ऐसे चमगादड़ को फ्रूट बैट कहा जाता है जो फल खाते हैं और अपनी लार को फल पर छोड़ देते हैं। ऐसे फल को खाने वाले जानवर अथवा इंसान निपाह वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। वैसे केरल में निपाह का यह मामला पहला नहीं है इससे पहले भी 2018 में  एक जिले में 17 मौते हुईं थी।

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