गुजरात के अहमदाबाद में हुए राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने पिछले महीने दुर्भाग्यपूर्ण एअर इंडिया 171 विमान दुर्घटना के बाद की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर हाल ही में मीडिया कवरेज को जमकर फटकार लगाई। बोर्ड ने इस कवरेज को समय से पहले (अपरिपक्व) और अटकलबाजी करार दिया। एनटीएसबी अमेरिका में विमानन दुर्घटनाओं और अहम परिवहन घटनाओं की जांच के लिए जिम्मेदार अमेरिकी संघीय एजेंसी है।
एनटीएसबी की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने एक बयान में मीडिया रिपोर्टों को समय से पहले और अटकलें लगाने वाला बताया। उन्होंने जनता और मीडिया से आग्रह किया कि वे प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कोई निष्कर्ष निकालने से पहले विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के आधिकारिक और अंतिम निष्कर्षों का इंतजार करें। एएआईबी दुर्घटना की जांच का नेतृत्व कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘एअर इंडिया 171 दुर्घटना पर हालिया मीडिया रिपोर्ट्स समय से पहले और अटकलें लगाने वाली हैं। भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने अभी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इस स्तर की जांच में समय लगता है। हम एएआईबी की सार्वजनिक अपील का पूरा समर्थन करते हैं, जो गुरुवार को जारी की गई थी। हम इसकी चल रही जांच का समर्थन करते रहेंगे। सभी जांच संबंधी सवाल एएआईबी को संबोधित किए जाने चाहिए।’
बयान एएआईबी की ओर से गुरुवार को जारी की गई सार्वजनिक अपील के बाद आया है, जिसमें जनता और मीडिया से आग्रह किया गया था और दुर्घटना के बाद कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों की ओर से चुनिंदा और असत्यापित रिपोर्टिंग पर चिंता जताई गई थी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन एएआईबी ने पुष्टि की कि एअर इंडिया दुर्घटना की जांच एएआईबी नियमों और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार गंभीरता और पेशेवर तरीके से की जा रही है।
ब्यूरो ने आगाह किया कि इस हादसे की हाई-प्रोफाइल प्रकृति ने जनता का ध्यान खींचा है और उनकी भावनाओं को चोट भी पहुंचाई है। उसने इस बात पर जोर दिया कि यह समझना जरूरी है कि यह भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा के प्रति विशेष रूप से निराधार तथ्यों के आधार पर जनता में चिंता या आक्रोश पैदा करने का समय नहीं है।
इससे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कॉकपिट की रिकॉर्डिंग से संकेत मिलता है कि कैप्टन ने उड़ान भरने के तुरंत बाद ईंधन नियंत्रण स्विच बंद कर दिए होंगे, जिससे कॉकपिट में घबराहट फैल गई।
इसके बाद एएआईबी ने सभी को समय से पहले निष्कर्ष निकालने या असत्यापित जानकारी प्रसारित करने के प्रति आगाह किया था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक वर्ग को आगह करते हुए कहा गया था कि इससे जांच की विश्वसनीयता को खतरा हो सकता है।
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