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Saturday, September 21, 2024
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HC:आवारा कुत्ते इंसानों पर हमला करते हैं तो उन्हें खिलाने वाले जिम्मेदार

खासकर केरल और मुंबई में आवारा कुत्ते खतरनाक हो गए हैं। इस याचिका पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है​|​​ सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने आवारा कुत्तों को लेकर अहम सुझाव दिया है​|​​

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भारत में आवारा कुत्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। कई जगहों पर इन आवारा कुत्तों के लोगों पर हमला करने की घटनाएं हो चुकी हैं। नतीजतन, विभिन्न संगठनों ने आवारा कुत्तों को मारने का आदेश दिया था। इन आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।

खासकर केरल और मुंबई में आवारा कुत्ते खतरनाक हो गए हैं। इस याचिका पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है|​​ सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने आवारा कुत्तों को लेकर अहम सुझाव दिया है|​​

कोर्ट के निर्देश के मुताबिक अगर आवारा कुत्ते इंसानों पर हमला करते हैं तो उन्हें खिलाने वाले जिम्मेदार होंगे|पीठ ने आवारा कुत्तों की दुर्दशा को दूर करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि जो लोग नियमित रूप से आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं, उन्हें कुत्तों के टीकाकरण के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।

इतना ही नहीं अगर आवारा कुत्ते लोगों पर हमला करते हैं तो कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया है कि इन कुत्तों को खिलाने वालों को इलाज का खर्चा वहन करना होगा|​​ कोर्ट ने लोगों की सुरक्षा और जानवरों के अधिकारों के बीच संतुलन बनाने का भी आदेश दिया है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम में से ज्यादातर लोग डॉग लवर हैं। मैं कुत्तों को खिलाता हूं। लेकिन इंसानों को कुत्तों की देखभाल करनी चाहिए। जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या का तर्कसंगत समाधान निकाला जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी|​​

भारत में 2019 से अब तक 1.5 करोड़ से अधिक जानवरों के काटने की घटनाएं सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश (27 लाख 52 हजार 218) मामले सामने आए हैं, इसके बाद तमिलनाडु 20 लाख 70 हजार 921, महाराष्ट्र 15 लाख 75 हजार 606 और पश्चिम बंगाल 12 लाख 09 हजार 232 हैं। दूसरी ओर, लक्षद्वीप में आवारा कुत्तों के काटने का कोई मामला सामने नहीं आया है।

2019 में जानवरों के इंसानों पर हमला करने की 72 लाख 77 हजार 523 घटनाएं हुई हैं। 2020 में 46 लाख 33 हजार 493 घटनाएं हुईं। जबकि 2021 में 17 लाख 01 हजार 133 घटनाएं हुई थीं। 2022 के पहले छह महीनों में 14.5 लाख से ज्यादा लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा है। तमिलनाडु में इस साल सबसे ज्यादा आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को काटने के मामले दर्ज किए गए हैं​, जबकि महाराष्ट्र में 2 लाख 31 हजार 531 मामले दर्ज किए गए हैं। भारत में हर साल 100 से अधिक रेबीज के मामले और मौतें दर्ज की जाती हैं।

आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं घरेलू कुत्तों से ज्यादा होती हैं। 2019 की जनगणना के अनुसार भारत में 1 करोड़ 53 लाख 09 हजार 355 आवारा कुत्ते पाए गए। उत्तर प्रदेश में​ ​20 लाख 59 हजार 261, ओडिशा में​ ​17 लाख 34 हजार 399और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। 12 लाख 76 हजार 399)। ​आपको बता दें कि ​मणिपुर, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली ने शून्य आवारा कुत्तों की सूचना दी।

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