उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव पर ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आये फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। यह फैसला योगी सरकार के लिए राहत भरा हो सकता है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही जल्द निकाय चुनाव कराने के लिए कहा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसी आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि अब हाई कोर्ट को नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है।
दरअसल,यूपी सरकार ने एक ड्राफ्ट तैयार किया था जिसमें ओबीसी एससी,एसटी को निकाय चुनाव में आरक्षण प्रस्तावित किया गया था। लेकिन हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा 5 दिसंबर 2022 को जारी किये गए नोटिफिकेशन ड्राफ्ट को रद्द कर दिया। और अपने फैसले में कहा था कि निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराया जाए। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि ट्रिपल टेस्ट के बगैर ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने एससी और एसटी को छोड़करअन्य सीटों को सामान्य सीट अधिसूचित कर चुनाव कराने के लिए कहा था। मालूम हो कि हाई कोर्ट ने कुल 93 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार का आदेश रद्द किया था।
हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद योगी सरकार ने साफ़ किया था कि ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं होगा। इसके बाद सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के लिए पिछड़ा आयोग बनाया था ,जिसके सदस्य हाई कोर्ट के रिटायर जज और अन्य दो आईएस अधिकारी और दो न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस आयोग को अपना काम तीन माह में पूरा करने को कहा है।
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