म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत लगातार मदद भेज रहा है। शनिवार को भारतीय वायुसेना का एक और सी-130 विमान राजधानी नेपीडॉ पहुंचा, जिसमें 38 एनडीआरएफ कर्मी और 10 टन राहत सामग्री भेजी गई। यह ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत म्यांमार में भारत की तीसरी सहायता खेप है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि भारत संकट की इस घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है। राहत सामग्री में खाद्य पदार्थ, दवाइयां, टेंट और अन्य जरूरी सामान शामिल हैं, जो प्रभावित इलाकों में वितरित किए जाएंगे।
भारत ने म्यांमार की मदद के लिए दो नौसैनिक जहाज भी रवाना किए हैं। इसके अलावा, आगरा से 118 सदस्यीय फील्ड अस्पताल टीम भी भेजी गई है, जो घायलों का इलाज करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत कर अपनी संवेदना व्यक्त की और भरोसा दिया कि भारत हरसंभव सहायता करेगा। उन्होंने कहा, “एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में, भारत म्यांमार के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है।”
शुक्रवार(28 मार्च) दोपहर आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने म्यांमार में भारी तबाही मचाई। अब तक 1,644 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 3,400 से अधिक घायल हैं। कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं, जिनकी तलाश जारी है।म्यांमार सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है। इस आपदा का असर थाईलैंड, भारत और चीन तक महसूस किया गया, जहां हल्के झटके दर्ज किए गए।
भारत की त्वरित मदद की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने भारत की इस मानवीय पहल की तारीफ की, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इसे एक “प्रशंसनीय आपदा प्रतिक्रिया” करार दिया। भारत की यह सहायता दोनों देशों की घनिष्ठ मित्रता और पड़ोसी धर्म के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत राहत कार्य जारी रहेगा।
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