अमेरिका का ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ शुरू; सीरिया में ISIS ठिकानों पर हमलें

अल-शरा सरकार ने किया समर्थन

अमेरिका का ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ शुरू; सीरिया में ISIS ठिकानों पर हमलें

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सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ अमेरिका ने एक बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत की है। ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ के नाम से शुरू इस कार्रवाई के तहत ISIS के लड़ाकों, उनके ठिकानों और हथियार भंडारण स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है।मध्य सीरिया के पाल्मायरा में हुए एक घातक हमले का बदला लेने के लिए यह ऑपरेशन शुरू किया गया है। पाल्मायरा के हमले में तीन अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई थी।

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर इस ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “अमेरिकी बलों ने सीरिया में ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक शुरू किया है, ताकि ISIS के लड़ाकों, उनके अड्डों और हथियार स्थलों को पूरी तरह खत्म किया जा सके।” हेगसेथ ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई 13 दिसंबर को अमेरिकी बलों पर हुए हमले का सीधा जवाब है। उन्होंने आगे कहा, “जैसा कि हमने उस बर्बर हमले के बाद कहा था, यदि आप दुनिया में कहीं भी अमेरिकियों को निशाना बनाते हैं, तो आप अपनी बाकी की छोटी, घबराई हुई ज़िंदगी यह जानते हुए बिताएंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका आपको ढूंढेगा और बिना किसी दया के मार डालेगा।”

13 दिसंबर को एक ISIS हमलावर ने पाल्मायरा में अमेरिकी और सीरियाई बलों के एक काफिले पर हमला किया था। इस हमले में दो अमेरिकी सेना के जवानों और एक नागरिक दुभाषिए की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल हुए। अमेरिकी सेना के अनुसार, हमलावर को बाद में मार गिराया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन हवाई हमलों में ISIS के मजबूत ठिकानों को निशाना बनाया गया है। उन्होंने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा का समर्थन करते हुए आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी प्रयासों को पूरी तरह जायज़ ठहराया। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए बड़े अक्षरों में लिखा, “जो भी आतंकवादी अमेरिकियों पर हमला करने की हिम्मत करता है, उसे चेतावनी दी जाती है—यदि आपने किसी भी तरह से अमेरिका पर हमला किया या धमकी दी, तो आपको पहले से कहीं ज्यादा जोरदार तरीके से मारा जाएगा।”

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह एक बड़े पैमाने का हमला था, जिसमें मध्य सीरिया के लगभग 70 ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में ISIS की बुनियादी संरचनाओं और हथियार भंडारों को नष्ट किया गया। एक अमेरिकी अधिकारी ने, नाम गोपनीय रखने की शर्त पर, बताया कि आने वाले दिनों में और भी हमले किए जा सकते हैं।

इस सैन्य कार्रवाई में एफ-15 ईगल लड़ाकू विमान, ए-10 थंडरबोल्ट ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट और एएच-64 अपाचे हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा जॉर्डन से संचालित एफ-16 फाइटर जेट और HIMARS रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम भी इस अभियान का हिस्सा रहे।

राजनीतिक स्तर पर यह ऑपरेशन सीरिया-अमेरिका संबंधों में आए बदलाव के बीच हुआ है। बशर अल-असद शासन के दौरान अमेरिका और सीरिया के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं थे। लेकिन दिसंबर 2024 में असद परिवार के 50 साल के शासन के पतन के बाद हालात बदले हैं। अहमद अल-शरा, जिन्होंने असद के खिलाफ विद्रोही बलों का नेतृत्व किया था, अब सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति हैं और उन्हें अमेरिकी समर्थन प्राप्त है। अल-शरा का अतीत विवादों से भरा रहा है—उनके अल-कायदा से संबंध रहे हैं और एक समय उनके सिर पर अमेरिका ने 1 करोड़ डॉलर का इनाम भी रखा था।

पिछले महीने सीरिया अमेरिका-नेतृत्व वाले ISIS विरोधी गठबंधन में शामिल हुआ। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भले ही 2019 में ISIS को सीरिया में सैन्य हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन आज भी 5,000 से 7,000 ISIS लड़ाके सीरिया और इराक में सक्रिय हैं। ऐसे में ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ को क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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