ममता बनर्जी को अवॉर्ड देने पर बवाल हो गया है। गुरुदेव रवींद्रनाथ 161 वीं जयंती के अवसर पर पश्चिमबंग बांग्ला अकादमी ने मुख्यमंत्री को नया पुरस्कार देने के ऐलान पर कई साहित्यकारों ने नाराजगी जताई है। वहीं, बंगाली लेखक रत्न रशीद बंदोपाध्याय ने अपना अकादमी अवॉर्ड वापस करने का ऐलान किया है।
जबकि, अकादमी के जनरल काउंसलिंग के सदस्य आनंदिरंजन विश्वास ने बंगाली अडवाइजरी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। बताते चलें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के को बंगाल अकादमी द्वारा जो अवॉर्ड दिया गया वह तीन साल में एक बार दिया जाता है। इस पुरस्कार को ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो साहित्य के क्षेत्र न हो, लेकिन वह सृजन किया हो।
इसी को आधार बनाकर बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रचना ‘कोबिता बितान’ के लिए उन्हें अवॉर्ड देने की घोषणा की। इसके ऐलान के बाद ही सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी का विरोध शुरू हो गया। मालूम हो कि, पश्चिमबंग बांग्ला अकादमी के बसु अध्यक्ष हैं। पुरस्कार वितरण के दौरान ममता बनर्जी ने पुरस्कार नहीं लिया, जबकि मौके ममता बनर्जी मौजूद थी यह अवॉर्ड खुद बासु ने ग्रहण किया।
विरोध को आगे बढ़ाते हुए रत्ना राशिद अकादमी को पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा एक पत्र लिखकर कहा कि जल्द मोमेंट और पुरस्कार अकादमी के कार्यालय में भिजवा देगीं. उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि सीएम ममता बनर्जी को अकादमी पुरस्कार देने जा रही है। उन्होंने इसे अकादमी का निंदनीय कार्य बताया। दूसरी ओर, आनंदी रंजन बिस्वास ने कुछ ऐसा ही संकेत दिया है। हालांकि उन्होंने अपने पत्र में ममता बनर्जी के नाम का जिक्र नहीं किया है।
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