ओवैसी पर अब राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का लगा आरोप, केस दर्ज

ओवैसी पर अब राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का लगा आरोप, केस दर्ज
बाराबंकी। असदुद्दीन ओवैसी की उत्तर प्रदेश में की गई जनसभा में जहां भड़काऊ और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में कई धाराओं के तहत केस दर्ज किये गए है। वहीं, अब राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में भी केस दर्ज किया गया है। दरअसल, 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए ओवैसी उत्तर प्रदेश में पैर ज़माने की कोशिश में हैं।  ओवैसी पर बिना अनुमति जनसभा करने और रामसनेही मस्जिद के लोगों को भड़काने और सीएम योगी एके साथ पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है।
ओवैसी ने बाराबंकी में गुरुवार को बिना अनुमति एक जनसभा को संबोधित किया था। दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा की शिकायत पर बिना अनुमति के जनसभा करने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने, धारा 144 व कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत ओवैसी और आयोजकों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। शुक्रवार को जनसभा की तस्वीरें वायरल होने के बाद उसी मुकदमे में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की धाराएं भी जोड़ दी गईं। ओवैसी पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की जगह एक खंभे पर लपेटने का आरोप लगा है। जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें ओवैसी के ठीक बगल में राष्ट्रीय ध्वज एक खंभे पर लपेटा नजर आ रहा है।
बताया जा रहा है कि दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा ने ओवैसी व कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर कराए जाने की मांग गुरुवार की शाम को अपर मुख्य सचिव गृह से की थी। उसकी प्रति डीएम व एसपी को भी भेजी। विधायक ने बताया कि उन्होंने डीएम व एसपी से इस संबंध में बात भी की। तब प्रशासन हरकत में आया। विधायक सतीश शर्मा ने अपर मुख्य सचिव को भेजे पत्र में लिखा है कि गुरुवार को कटरा मुहल्ला में बिना अनुमति के मीटिंग कर ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर रामसनेहीघाट में 100 साल पुरानी मस्जिद शहीद कराने का आरोप लगाया है जो निंदनीय व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है।
अवैध ढांचे को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत गिराया गया है। ओवैसी के कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी गई थी। पार्टी के पदाधिकायिों ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात और चाय पार्टी करने की मंजूरी ली थी। गुरुवार को बड़े से मैदान में बाकायदा मंच बनाकर जनसभा करा दी गई। जिसमें 50 से ज्यादा लोग शामिल हुए।
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