पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की नेता शिरीन मजारी के बेटी इमान मजारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से खान के समर्थकों में सेना विरोधी भावना और उग्र होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे पाकिस्तान की सेना एक नए विवाद में फंसती दिखाई दे रही है।
वही,इमान मजारी पर सेना और सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर सेना के खिलाफ लोगों को भड़काने और सशस्त्र बल की अवज्ञा करने का अभियोग भी लगाया गया है। ये मुकदमा दर्ज होने के बाद इमान ने अपने वकील के जरिए अग्रिम जमानत की अर्जी दी, जिसे इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।हाईकोर्ट ने अगले नौ जून तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
बता दें कि विवाद बढ़ने पर पंजाब प्रांत की सरकार ने सफाई दी कि शिरीन मजारी के साथ हुई घटना में उसका कोई हाथ नहीं है। अब प्रश्न यह उठता है कि पुलिसकर्मी किसके आदेश पर शिरीन मजारी के घर गए थे। अब चूंकि इमान मजारी के खिलाफ एफआईआर सेना मुख्यालय ने दर्ज कराई है, तो पीटीआई समर्थक ये सवाल उठा रहे हैं कि क्या शिरीन मजारी के खिलाफ कार्रवाई उसके निर्देश पर हुई थी।
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