प्रभावित नागरिक मुख्य रूप से शहर के अधिकांश क्षेत्रों में गरीब और मध्यम वर्ग से हैं, जो बिजली कटौती के कारण सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिससे नागरिकों का जीवन दयनीय हो गया है।
पिछले महीने कराची में बिजली कटौती और पानी की कमी के खिलाफ बड़े पैमाने पर सार्वजनिक प्रदर्शन हुए। लोगों ने लंबे समय तक पानी और बिजली के बिना रहने के कारण विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने टायरों में आग लगाई और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। उनका कहना था कि उनके क्षेत्र में लगातार चार दिनों से बिजली की आपूर्ति बाधित रही है। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) ने कहा कि 2024 में देश का ऊर्जा क्षेत्र गहरे संकट में है।
कराची अकेला ऐसा शहर नहीं है जो बिजली की कमी के संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान के कई शहर लंबे समय से इस लगातार समस्या से जूझ रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 2023 में पाकिस्तान में राष्ट्रव्यापी बिजली कटौती के कारण लगभग 220 मिलियन लोग बिना बिजली के रह जाएंगे और कई शहर अंधेरे में डूब जाएंगे।
झारखंड: हजारों ‘दीदियों’ के हाथों हर्बल गुलाल से गुलजार हुआ होली का बाजार!