रूस और यूक्रेन के बीच मिसाइल और बम के हमले हो रहे हैं। प्रत्येक नागरिकों को जान बचाने की फिक्र है, लेकिन इन हालात में भी पाकिस्तानी अपनी नीच हरकतों से बाज नहीं आ रहे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन में पाकिस्तानी नागरिक भारतीय छात्रों के साथ लूटपाट कर रहे हैं। पाकिस्तान के अलावा नाइजीरिया के छात्र भी इसी तरह की हरकतें कर रहे हैं।
भारतीय स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यहां से सुरक्षित निकलने की है। दरअसल, भारतीय छात्र एम्बेसी के इस फैसले से परेशान हैं। एम्बेसी कह रही है, अपने रिस्क पर बॉर्डर तक आओ, लेकिन यूक्रेन में कर्फ्यू है और बाहर निकलने वालों को गोली मारने के आदेश हैं। यूक्रेन में फंसे करीब 1,400 भारतीयों को लेकर छह उड़ानें अब तक भारत आ चुकी हैं। जल्द ही और भारतीय वापस आएंगे।
वही, यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाया जा रहा है, पर अभी भी भारी संख्या में छात्र बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। इन्हें बॉर्डर नहीं पार करने दिया जा रहा है। इन छात्रों को पाकिस्तानी और नाइजीरियन छात्र टॉर्चर करके सामान भी छीन रहे हैं। सोमवार को यूक्रेन से 27 छात्रों का एक ग्रुप गांधीनगर सर्किट हाउस पहुंचा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने छात्रों का स्वागत किया। छात्रों ने बताया कि हम बड़ी मुश्किल से रोमानिया पहुंच सके थे। वहां से हमें स्वदेश वापस लाया गया।
बंकर और मेट्रो में दिन-रात गुजार रहे हजारों स्टूडेंट्स कर्फ्यू में छूट मिलने के बाद रेलवे स्टेशन तो पहुंच गए हैं,लेकिन यूक्रेनियन उन्हें ट्रेन में बैठने से रोक रहे हैं।भारी भीड़ के बीच उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और पहले यूक्रेनियन को पश्चिम शहर की ओर जाने वाली ट्रेनों में बैठाया जा रहा है। भारतीय दूतावास से मदद नहीं मिलने के कारण इंडियन स्टूडेंट्स पूरे दिन ट्रेन में बैठने के लिए मशक्कत करते रहे, लेकिन उन्हें बैठने नहीं दिया गया।
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