रात 11 बजे हुई पप्पू यादव की पेशी,पुलिस ने 32 साल पुराना मामला बताया

रात 11 बजे हुई पप्पू यादव की पेशी,पुलिस ने 32 साल पुराना मामला बताया
पटना। बिहार के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। मंगलवार को बिहार पुलिस ने महामारी और आपदा प्रबंधन एक्ट के उल्लंघन करने पर हिरासत में लिया था. इसके बाद पप्‍पू यादव को रात 11 बजे कोर्ट खुलवा कर पेश किया गया. पेशी के बाद उन्‍हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बीरपुर जेल भेज दिया गया. वहीं अब मिली जानकारी के अनुसार, मधेपुरा पुलिस ने मंगलवार को पप्पू यादव को 32 वर्ष पुराने मामले में पटना से अरेस्ट किया था. पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर उनकी पत्नी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल जिस तरह से उनके पति को हिरासत में लिया गया, वह गंभीर और एक साजिश की ओर इशारा कर रहा है. इधर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
क्या है मामला 
मंगलवार शाम पुलिस उपाधीक्षक (नगर) सुरेश कुमार ने बताया कि कुमारखंड थाना से जुडे वर्ष 1989 के एक मामले में मधेपुरा से आयी एक पुलिस टीम उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर गई . इस मामले में यादव के खिलाफ पूर्व से वारंट जारी था. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
पत्नी का आरोप
पप्पू यादव की पत्नी रंजित रंजन ने आरोप लगाया, ‘ये लोग गिरफ्तारी के नाम पर षडयंत्र कर रहे हैं. उनकी जान को भी खतरा है. अगर गिरफ्तारी के दौरान उनके साथ कुछ भी ऊंच-नीच होता है ,जिसकी मुझे आशंका है, इसकी पूरी जिम्मेदारी एनडीए सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेनी पड़ेगी.’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के शुरू होने के बाद से एक राजनेता होने के नाते वह (यादव) अपने घर-परिवार को छोड़कर लगातार लोगों की मदद में लगे हुए थे पर साजिश के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
पप्पू ने क्या कहा ?
गिरफ्तारी पर पप्‍पू यादव ने कहा, ‘उन्हें कुछ नहीं पता कि क्यों ले जाया जा रहा है. गिरफ्तारी को लेकर सरकार से पूछिए.’मधेपुरा से पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि पहले ही उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था, लोगों को बचाने का उन्हें यह ईनाम दिया जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने पप्पू यादव मामले पर ट्वीट किया, ‘कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज़ में उसे गिरफ़्तार किया जाए ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है. ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जांच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाज़मी है.’ मांझी के बेटे संतोष सुमन नीतीश कुमार सरकार में मंत्री हैं.
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